कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज सूरत की सेशंस कोर्ट पहुंचे. राहुल गांधी की ओर से सूरत कोर्ट में एक मुख्य याचिका दाखिल की गई और दो आवेदन किए गए. राहुल की मुख्य याचिका में निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई है. वहीं राहुल गांधी की ओर से सूरत कोर्ट में 2 अर्जियां भी लगाई गईं. इनमें से पहली अर्जी दोषसिद्धि (Conviction) पर रोक लगाने की थी, वहीं दूसरी अर्जी सजा पर स्टे लगाने से जुड़ी थी.
राहुल की ओर से सजा पर स्टे लगाने की मांग वाली अपील को स्वीकारते हुए अदालत ने राहुल गांधी को अंतरिम जमानत दी है और कहा है कि राहुल की यह जमानत तब तक रहेगी, जब तक कि राहुल की अर्जी पर कोई फैसला नहीं हो जाता.
दोषसिद्धि को चुनौती वाले आवेदन पर 13 अप्रैल को सुनवाई
वहीं दोषसिद्धि को चुनौती देने वाली अर्जी पर कोर्ट ने कहा कि दूसरे पक्ष को सुने बिना ऐसा कोई आदेश पारित नहीं किया जा सकता. इस मामले में शिकायतकर्ता और गुजरात सरकार को 10 अप्रैल तक जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया गया है. इसके 3 दिन बाद यानी 13 अप्रैल को अदालत में उसी अर्जी पर अगली सुनवाई होगी. साथ ही अदालत ने राहुल गांधी को यह राहत दी है कि सुनवाई के दौरान उनका वहां मौजूद रहना जरूरी नहीं है.
बता दें कि मानहानि केस में सूरत की अदालत ने राहुल गांधी को 15 हजार रुपये के मुचलके पर अंतरिम जमानत दी है. वहीं मुख्य याचिका पर 3 मई को सुनवाई होनी है. इसके अलावा आज की सुनवाई से तीन तारीखें निकली हैं, आइए आपको इन तीन तारीखों को सिलसिलेवार तरीके से समझाते हैं...
आज की सुनवाई से निकलीं 3 अहम तारीखें-
10 अप्रैल तक शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी और गुजरात सरकार को अपनी प्रतिक्रिया दाखिल करनी है.
13 अप्रैल को दोषसिद्धि पर अंतरिम रोक लगाने वाली अर्जी पर सुनवाई होगी.
3 मई को अदालत उस मुख्य अर्जी पर सुनवाई करेगी जिसमें कि CJM कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है.
मानहानि केस में सजा के ऐलान के बाद कांग्रेस कर रही प्रदर्शन
मानहानि केस में सजा के चलते राहुल गांधी को लोकसभा से सदस्यता गई थी. इसके बाद से ही कांग्रेस नेता केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर हैं. इसका अंदाजा राहुल की आज की सूरत यात्रा से ही लगाया जा सकता है. आज राहुल के सूरत पहुंचने से पहले ही उनके साथ 3 राज्यों के सीएम वहां मौजूद थे. वहीं उनकी बहन प्रियंका गांधी भी उनके साथ मौजूर रहीं. इसके अलावा गुजरात की सड़कों पर कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ता मौजूद रहे और देशभर में कांग्रेस ने प्रोटेस्ट भी किया.
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कैसे वापस मिलेगी राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता?
अदालत के आज के फैसले को आसान भाषा में समझें तो इसका प्रभावी अर्थ यह है कि जब उनकी अयोग्यता की बात आती है तो उनके लिए कोई राहत नहीं है. अदालत ने सिर्फ उन्हें तब तक के लिए जमानत दी है जब तक उनकी ओर से दायर की गई याचिकाओं पर कोई फैसला नहीं आ जाता. ऐसे में वह सवाल अब भी बरकरार है कि राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता फिर से बहाल कैसे होगी? इस सवाल के जवाब में वरिष्ठ वकील और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह कहते हैं कि राहुल गांधी को अदालत का रुख करना होगा और सजा को सस्पेंड करने और दोषसिद्धि (conviction) पर रोक लगाने की गुहार करनी होगी, अगर ऊपरी अदालत से उनके पक्ष में इन दोनों याचिकाओं पर फैसला सुना दिया तभी वे अपनी लोकसभा की सदस्यता की बहाली की उम्मीद कर सकते हैं.
लेकिन आज की सुनवाई में अदालत ने कोई प्रभावी फैसला नहीं सुनाया है बस राहुल को अंतरिम जमानत दी गई है और मामले की सुनवाई को टाल दिया गया है.
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किस मामले में राहुल को हुई सजा?
बताते चलें कि मोदी सरनेम मामले में 23 मार्च को सूरत की एक कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी माना था और 2 साल की सजा सुनाई थी. सजा सुनाए जाने के अगले दिन ही राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता भी रद्द हो गई थी. कोर्ट ने इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए राहुल गांधी को 30 दिन का समय दिया था.
क्या था बयान?
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कर्नाटक के कोलार में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था, 'नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी... सबका कॉमन सरनेम क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?' इसी बयान पर उनपर पूरे मोदी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा था. जिसके बाद गुजरात के बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ सूरत कोर्ट में मानहानि का मामला दायर कराया था. मामले के खिलाफ कोर्ट ने करीब 4 साल बाद राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी.