प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बेंगलुरू-मैसूर एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करने के दो दिन बाद कई संगठनों ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के फैसले का विरोध करते हुए मंगलवार को टोल प्लाजा पर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि स्थानीय निवासियों के लिए उचित सर्विस रोड और पास के बिना टोल लगाना गलत है.
इस दौरान विपक्षी कांग्रेस के कार्यकर्ता भी प्रदर्शनकारियों में शामिल हो गए और उन्होंने भी प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी इस परियोजना के पूरे होने तक टोल शुल्क वसूलने का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने सर्विस रोड नहीं बनने और टोल की दर बहुत अधिक होने के संबंध में भी आपत्ति व्यक्त की है.
कई प्रदर्शनकारी हिरासत में
पुलिसकर्मियों की भारी मौजूदगी के बीच, प्रदर्शनकारियों ने न्याय की मांग के नारे लगाए और सरकार की आलोचना भी की, जबकि कुछ ने टोल प्लाजा को पूरी तरह से नष्ट करने की धमकी भी दी. कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया.
टोल प्लाजा पर लगा लंबा जाम
इस हाइवे पर टोल संग्रह का पहला दिन होने के कारण, कुछ तकनीकी गड़बड़ियों से भी अव्यवस्था बनी रही जिससे कि यात्रियों को जाम के कारण काफी देर तक इंतजार करना पड़ा. कई कैब चालक, जो रोजाना इस मार्ग से यात्रा करते हैं, कुप्रबंधन, कम दूरी के लिए उच्च टोल शुल्क वसूलने और उचित सर्विस रोड न होने के लिए एनएचएआई अधिकारियों का विरोध करते नजर आए.
एक टैक्सी ड्राइवर ने पूछा, 'मैं इस हिस्से पर 20 किलोमीटर जा रहा हूं, जिसके लिए मुझे 147 रुपये चुकाने हैं, हमें कहां जाना चाहिए? अगर सही सर्विस रोड होती, तो मैं यहां नहीं आता, मैं कैसे जाऊं?' वहीं रामनगर की ओर जा रहे एक अन्य कार चालक ने आरोप लगाया कि स्थानीय लोगों को कोई पास जारी नहीं किया गया है. यह सही नहीं है, स्थानीय लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
कांग्रेस ने उद्घाटन के फैसले को बताया राजनीतिक स्टंट
बेंगलुरु में बोलते हुए, कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने कहा कि परियोजना के पूरा होने के बिना और स्थानीय निवासियों की मदद के लिए कोई उचित सेवा सड़क नहीं होने के कारण, प्रधानमंत्री के लिए एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करना सही नहीं था. उन्होंने कहा, 'यह चुनाव से पहले की राजनीति के लिए किया गया था न कि लोगों के लिए.'
फास्टैग स्कैनर नहीं कर रहे काम
इसके बाद शिवकुमार ने ट्वीट किया, 'मैंने सुबह से टीवी और अखबारों में देखा है कि बेंगलुरु-मैसूरु एक्सप्रेसवे पर टोल सेंटर के पास लोग आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं. आज, मुझे भी बिदादी से रामनगर की यात्रा के दौरान यही अनुभव हुआ. बिदादी से रामनगर तक से जाने के लिए मुझे 135 रुपये का टोल देना पड़ा, उन्होंने FASTag स्कैनर में समस्या के बहाने 270 रुपये चार्ज किए हैं.'
हाल ही में पीएम मोदी ने किया था उद्घाटन
आपको बता दें कि 12 मार्च को, प्रधानमंत्री मोदी ने यहां 118 किलोमीटर लंबी बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे परियोजना का उद्घाटन किया था. अधिकारियों के अनुसार, यह बेंगलुरु और मैसूरु के बीच यात्रा के समय को लगभग तीन घंटे से घटाकर लगभग 75 मिनट कर देगा. अधिकारियों ने कहा कि 8,480 करोड़ रुपये की परियोजना में NH-275 के बेंगलुरु-निदाघट्टा-मैसूरु खंड को छह लेन में बनाया गया है और यह क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा.'