scorecardresearch
 

PM मोदी ने विदेश से लौटे डेलिगेशन से की मुलाकात, PAK टेररिज्म को बेनकाब करने के मिशन का लिया फीडबैक

प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व यात्रा कर चुके मल्टी-पार्टी डेलिगेशन से मुलाकात की. डेलिगेशन के सदस्यों ने अपने अनुभव साझा किए.

Advertisement
X
PM मोदी ने मल्टी-पार्टी डेलिगेशन से की मुलाकात
PM मोदी ने मल्टी-पार्टी डेलिगेशन से की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम को मल्टी-पार्टी डेलिगेशन के सदस्यों से मुलाकात की, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख को पेश करने के मकसद से वैश्विक राजधानियों का दौरा किया है. इस मिशन में वर्तमान सांसद, पूर्व सांसद और पूर्व राजनयिक शामिल थे. डेलिगेशन ने नए संकल्प के साथ पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की सच्चाइयों को दुनिया के सामने रखा.

Advertisement

इस प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपने अनुभव शेयर किए, और सभी ने पीएम को अपना फीडबैक दिया. केंद्र सरकार ने पहले ही इन सात प्रतिनिधिमंडलों के काम को सराहा है, जिनमें 50 से ज्यादा लोग शामिल थे. इनमें अधिकांश वर्तमान सांसद थे. प्रतिनिधिमंडल ने 33 विदेशी राजधानियों और यूरोपीय संघ का दौरा किया है.

यह भी पढ़ें: दिल्ली CM रेखा गुप्ता ने PM मोदी से मुलाकात की, 'शहीद स्मारक' की एक स्मृति चिन्ह भेंट की

एस जयशंकर पहले ही कर चुके हैं डेलिगेशन से मुलाकात

विदेश मंत्री एस जयशंकर भी पहले ही इन प्रतिनिधिमंडलों से मिल चुके हैं और उन्होंने उनके प्रयासों की प्रशंसा की है, जो पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत रुख को वैश्विक स्तर पर लेकर गए.

सत्तारूढ़ गठबंधन के चार प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व बीजेपी के दो सांसदों, जेडी(यू) के एक और शिवसेना के एक सांसद ने किया. वहीं, तीन प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व विपक्ष के सांसदों ने किया, जिनमें कांग्रेस, डीएमके और एनसीपी(एसपी) के सदस्य शामिल थे.

Advertisement

इन सांसदों ने की मिशन की अगुवाई

बीजेपी के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, कांग्रेस के शशि थरूर, जेडी(यू) के संजय झा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, डीएमके की कनिमोझी और एनसीपी (एसपी) की सुप्रिया सुले ने अपने-अपने प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करते हुए दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में आतंकवाद पर भारत के रुख को पेश किया.

यह भी पढ़ें: मोदी सरकार के 11 साल: नमो ऐप पर जन मन सर्वे में एक दिन में ही 5 लाख लोगों ने दिया जवाब

इस प्रतिनिधिमंडल का मकसद आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राष्ट्रीय एकता का संदेश देना था. इसमें कांग्रेस के शशि थरूर और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेताओं ने सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों के साथ मिलकर विदेशों में भारत के हितों की पैरवी की.

प्रतिनिधिमंडल में पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद और सलमान खुर्शीद जैसे प्रमुख पूर्व सांसद भी शामिल थे, जिन्होंने अपने अनुभव से इस कोशिश को और मजबूत बनाया.

Live TV

Advertisement
Advertisement