प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 'मन की बात' कार्यक्रम में देश को संबोधित किया. उन्होंने कार्यक्रम के शुरुआत में पिछले दिनों हुए लोकसभा चुनाव का जिक्र किया. नरेंद्र मोदी ने कहा, "मैं आज देशवासियों को धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने हमारे संविधान और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर अपना अटूट विश्वास दोहराया है. 2024 का चुनाव, दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था. दुनिया के किसी भी देश में इतना बड़ा चुनाव कभी नहीं हुआ. मैं चुनाव आयोग और मतदान की प्रकिया से जुड़े हर व्यक्ति को इसके लिए बधाई देता हूं."
इसके बाद पीएम मोदी ने आज के दिन के इतिहास पर बात करते हुए 'हूल दिवस' पर बात की. उन्होंने कहा, "आज 30 जून का ये दिन बहुत ही अहम है. इस दिन को हमारे आदिवासी भाई-बहन 'हूल दिवस' के रूप में मनाते हैं. यह दिन वीर सिद्धो-कान्हू के अदम्य साहस से जुड़ा है, जिन्होंने विदेशी शासकों के अत्याचार का पुरजोर विरोध किया था.
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि वीर सिद्धो-कान्हू ने हजारों संथाली साथियों को एकजुट करके अंग्रेजों का जी-जान से मुकाबला किया. तब झारखंड के संथाल परगना में हमारे आदिवासी भाई-बहनों ने विदेशी शासकों के खिलाफ हथियार उठा लिया था.
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने मां का जिक्र करते हुए एक पेड़ लगाने की बात कही. उन्होंने कहा, "अगर मैं आपसे पूछूं कि दुनिया का सबसे अनमोल रिश्ता कौन सा होता है तो आप जरूर कहेंगे- मां. हम सबके जीवन में 'मां' का दर्जा सबसे ऊंचा होता है. मां हर दुख सहकर भी अपने बच्चे का पालन-पोषण करती है. हर मां अपने बच्चे पर हर स्नेह लुटाती है. जन्मदात्री मां का ये प्यार हम सब पर एक कर्ज की तरह होता है जिसे कोई चुका नहीं सकता."
उन्होंने आगे कहा कि हम मां को कुछ दे तो सकते नहीं, लेकिन और कुछ कर सकते हैं क्या? इसी सोच में से इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस पर एक विशेष अभियान शुरू किया गया है, इस अभियान का नाम है- 'एक पेड़ माँ के नाम.' मैंने भी एक पेड़ अपनी मां के नाम लगाया है.
'कुवैत में हिंदी में रेडियो कार्यक्रम'
पीएम मोदी ने कहा कि कुवैत सरकार ने अपने नेशनल रेडियो पर एक विशेष कार्यक्रम शुरू किया है और वो भी हिन्दी में. 'कुवैत रेडियो' पर हर रविवार को इसका प्रसारण आधे घंटे के लिए किया जाता है. इसमें भारतीय संस्कृति के अलग-अलग रंग शामिल होते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि हमारी फिल्में और कला जगत से जुड़ी चर्चाएं कुवैत भारतीय समुदाय के बीच बहुत लोकप्रिय हैं. मुझे तो यहां तक बताया गया है कि कुवैत के स्थानीय लोग भी इसमें खूब दिलचस्पी ले रहे हैं. मैं कुवैत की सरकार और वहां के लोगों का हृदय से धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने ये शानदार पहल की है.
'तुर्कमेनिस्तान में रवींद्रनाथ टैगोर को सम्मान'
'मन की बात' में नरेंद्र मोदी ने आगे तुर्कमेनिस्तान का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि तुर्कमेनिस्तान में इस साल मई में वहां के राष्ट्रीय कवि की 300वीं जन्म-जयंती मनाई गई. इस अवसर पर तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति ने दुनिया के 24 प्रसिद्ध कवियों की प्रतिमाओं का अनावरण किया. इनमें से एक प्रतिमा गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर जी की भी है. ये गुरुदेव का सम्मान है, भारत का सम्मान है.
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि जून के महीने में दो कैरेबियाई देश सूरीनाम और Saint Vincent and the Grenadines ने अपने Indian heritage को पूरे जोश और उत्साह के साथ सेलिब्रेट किया. सूरीनाम में हिन्दुस्तानी समुदाय हर साल 5 जून को Indian Arrival Day और प्रवासी दिन के रूप में मनाता है. यहां तो हिन्दी के साथ ही भोजपुरी भी खूब बोली जाती है.
नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि इस महीने पूरी दुनिया ने 10वें योग दिवस को भरपूर उत्साह और उमंग के साथ मनाया है. मैं भी जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आयोजित योग कार्यक्रम में शामिल हुआ था. कश्मीर में युवाओं के साथ-साथ बहनों-बेटियों ने भी योग दिवस में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. जैसे-जैसे योग दिवस का आयोजन आगे बढ़ रहा है, नए-नए रिकॉर्ड्स बन रहे हैं.
'लोकल प्रोडक्ट हो रहे ग्लोबल'
इसके बाद प्रधानमंत्री ने भारत में बने प्रोडक्ट्स के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि भारत के कितने ही प्रोडक्ट्स हैं, जिनकी दुनिया-भर में बहुत डिमांड है और जब हम भारत के किसी लोकल प्रोडक्ट को ग्लोबल होते देखते हैं, तो गर्व से भर जाना स्वाभाविक है. ऐसा ही एक प्रोडक्ट है Araku कॉफी, जो आंध्र प्रदेश के अल्लुरी सीता राम राजू जिले में बड़ी मात्रा में पैदा होती है. ये अपने रिच फ्लेवर और अरोमा के लिए जानी जाती है.
लोकल प्रोडक्ट्स को ग्लोबल बनाने में हमारे जम्मू-कश्मीर के लोग भी पीछे नहीं हैं. पिछले महीने जम्मू-कश्मीर ने जो कर दिखाया है, वो देशभर के लोगों के लिए भी एक मिसाल है. यहां के पुलवामा से Snow Peas की पहली खेप लंदन भेजी गई.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि पिछले एक दशक में भारत में वन क्षेत्र का अभूतपूर्व विस्तार हुआ. अमृत महोत्सव के दौरान देश भर में सात हजार से ज्यादा अमृत सरोवर भी बनाए गए. हमें ऐसे ही मां के नाम पर पेड़ लगाने के अभियान को गति देनी है.
देश के अलग-अलग हिस्सों में मॉनसून तेजी से अपना रंग बिखेर रहा है. सबके घर में जिस चीज की खोज शुरू हो गई है उसका नाम है छाता. छाते हमारे केरल में तैयार होते हैं, यहां की संस्कृति में अहम महत्व है. लेकिन मैं मैं जिस छाते की बात कर रहा हूं, वो है कार्थुम्बी छाता है, जो केरल के अट्टापडी में तैयार किया जाता है. ये रंग-बिरंगे छातों की खासियत है कि इनको आदिवासी बहनें तैयार करती हैं. आज देश भर में इन छातों की मांग बढ़ रही है. वट्टालक्की सहकारी कृषि सोसायटी के नेतृत्व में बनाया जाता है.
'ओलंपिक खेलों नजर आएगा रोमांच'
मुझे विश्वास है कि आप सब ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने का इंतजार कर रहे होंगे. टोक्यो में हमारे खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने हर भारतीय का दिल जीत लिया था. इसके बाद हमारे खिलाड़ी पेरिस ओलंपिक खेलों में जी-जान से जुटे हुए हैं. इस बार कुश्ती और घुड़सवारी में हमारे दल की खिलाड़ी उन कैटेगरी में भी कम्पीट करेंगे, जिनमें वो कभी नहीं शामिल रहे. इस बारे हमें खेलों में अलग लेवल का रोमांच नजर आएगा.