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कास्ट नहीं मोदी की क्लास पॉलिटिक्स... 2024 चुनाव के लिए लाल किले से पीएम के 24 चुनावी मंत्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर संबोधन में इतिहास का जिक्र था तो भविष्य का खाका भी. विपक्षी पार्टियों का व्यूह भेदने के लिए मोदी ने क्लास पॉलिटिक्स का दांव चल दिया है. लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी के 2024 चुनाव को लेकर 24 मंत्र...

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

देश लोकसभा चुनाव की ओर है और राजनीतिक पार्टियां चुनावी मोड की ओर. संगठन से लेकर गठबंधन तक, राजनीतिक पार्टियां कील-कांटे दूर करने में जुटी हैं तो वहीं नेताओं के संबोधनों पर भी इसका प्रभाव नजर आने लगा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधनों में सरकार के कामकाज का हिसाब तो है ही, भविष्य का रोडमैप और समीकरणों का ध्यान भी है. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी के संबोधन से साफ हो गया कि क्षेत्रीय दलों की कास्ट पॉलिटिक्स के जवाब में बीजेपी क्लास पॉलिटिक्स की राह पकड़ेगी.

पीएम मोदी ने विश्वकर्मा योजना शुरू करने का ऐलान किया. विश्वकर्मा योजना के ऐलान का दांव लोहार, सुनार, विश्वकर्मा (बढ़ई) जैसी हस्त शिल्प से जुड़ी जातियों को अपने पाले में लाने की कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है. लेकिन इस योजना के सहारे पीएम की रणनीति अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के बीच विपक्ष का व्यूह भेद अपना एक वोट बैंक फिक्स करने की तो है ही, क्लास पॉलिटिक्स भी है.

वरिष्ठ पत्रकार अशोक ने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक यानी पीडीए का नारा दे चुकी है तो वहीं बिहार में भी महागठबंधन ने भी ओबीसी को साधने के लिए जातीय सर्वे का दांव चल दिया है. विपक्षी पार्टियां जब जातियों के गणित में उलझाने की कोशिश में हैं, पीएम ने इसके उलट क्लास पॉलिटिक्स का दांव चल दिया है. विश्वकर्मा योजना के दांव से बीजेपी की कोशिश विश्वकर्मा जातियों के साथ ही इस व्यवसाय से जुड़े व्यावसायी, श्रमिक और कारीगरों को भी साधने की है.  

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पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से एक नया वोट बैंक खड़ा करने के लिए विश्वकर्मा योजना का दांव चला. साथ ही 2024 के चुनाव को लेकर 24 चुनावी मंत्र भी दिए.

1- सामाजिक न्याय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में सामाजिक न्याय की बात की और कहा कि तुष्टिकरण ने इसका बहुत नुकसान किया. लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी का सामाजिक न्याय की बात करना इसलिए भी अहम है क्योंकि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में एनडीए के घटक दल निषाद पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) सामाजिक न्याय का मुद्दा उठाती रही हैं. विश्वकर्मा योजना के ऐलान को भी इसी दिशा में उठाए गए कदम के रूप में देखा जा रहा है.

2- तुष्टिकरण

पीएम मोदी ने तुष्टिकरण की राजनीति का जिक्र किया और पसमांदा की बदहाली का भी. लाल किले की प्राचीर से पीएम के तुष्टिकरण और पसमांदा का जिक्र करने को विपक्ष को घेरने और मुस्लिमों को साधे रखने, एकसाथ दोनों ही कवायदों से जोड़कर देखा जा रहा है. राजनीतिक विश्लेषक अमिताभ तिवारी ने इसे दो नाव पर पैर रखने जैसा बताया. उन्होंने कहा कि बीजेपी एक तरफ तो हिंदुत्व के ट्रैक से हटने का मैसेज देना नहीं चाहती जिससे वह विपक्ष को घेरने के लिए तुष्टिकरण का ग्राउंड गंवा बैठेगी. वहीं, पार्टी की नजर मुस्लिम वर्ग के बड़े तबके पसमांदा पर भी है. पार्टी इनको नाराज भी नहीं करना चाहती.

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3- परिवारवाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिवारवाद का जिक्र कर विपक्ष को लपेटा. पीएम मोदी ने कहा कि परिवारवादी पार्टियों का मंत्र है- परिवार का, परिवार के द्वारा और परिवार के लिए. ये सामर्थ्य को स्वीकार नहीं करते. पीएम मोदी परिवारवाद का जिक्र कर विपक्षी कांग्रेस के साथ ही सपा, आरजेडी, झामुमो जैसे क्षेत्रीय दलों को भी लपेट ले गए.

4- भ्रष्टाचार

पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार को बड़ी समस्या बताते हुए विपक्षी पार्टियों को निशाने पर लिया. उन्होंने देशवासियों से भ्रष्टाचार की बुराई के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया. ये नाम लिए बिना विपक्षी गठबंधन पर हमला माना जा रहा है. पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बीजेपी के बूथ लेवल कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भी नए गठबंधन में शामिल दलों से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले गिनाए थे.

5- 10 साल का हिसाब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश का सामर्थ्य बढ़ रहा है. मैं तिरंगे के नीचे से 10 साल का हिसाब दे रहा हूं. पाई-पाई गरीब के लिए खर्च करने वाली सरकार हो तो परिणाम क्या हो सकता है, वह देखा जा सकता है. पीएम मोदी ने कहा कि समय का पल-पल, समय का कण-कण जनता की भलाई के लिए है.

6- पूरा देश एक परिवार

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संबोधन में मित्रों या मेरे प्यारे देशवासियों नहीं, बार-बार मेरे प्रिय परिवारजनों का जिक्र कर रहे थे. उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत में ही 140 करोड़ देशवासियों को अपना परिवार बताया. पीएम मोदी के इस बयान को लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष की ओर से विभाजन की राजनीति के आरोप की काट के तौर पर देखा जा रहा है.

7- एकता के साथ जीने का मंत्र

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में ये भी कहा कि भारत को एकता जीना है. देश की एकता को आंच आए, ऐसी न मेरी भाषा होगी ना ही ऐसा मेरा कोई कदम होगा. हम सबको एकता के भाव के साथ आगे बढ़ना है. पीएम ने ये भी कहा कि मणिपुर में घटना होती है तो महाराष्ट्र में भी दुख होता है. असम में बाढ़ आती है तो केरल में भी दुख होता है. प्रधानमंत्री के इस बयान को विपक्ष की ओर से नफरत की राजनीति के मौके पर घेरने की कोशिश की काट माना जा रहा है.  

8- नारी सम्मान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं के सम्मान का भी मंत्र दिया. उन्होंने बेटियों की सुरक्षा को पारिवारिक दायित्व बताया. प्रधानमंत्री ने दो करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य भी बताया. नारी सम्मान के मंत्र और लखपति दीदी के लक्ष्य को मणिपुर का वीडियो वायरल होने के बाद नुकसान की आशंकाओं को कम से कम करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.

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9- वूमेन लेड डेवलपमेंट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से वूमेन लीड डेवलपमेंट की बात की. पीएम ने सबसे अधिक महिला पायलट भारत में होने की बात की और कहा कि हम नारी शक्ति को बढ़ावा देनेा पर काम कर रहे हैं. 

10- अर्थव्यवस्था

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अर्थव्यवस्था की सुनहरी तस्वीर प्रस्तुत की. पीएम ने यूपीए काल में अर्थव्यवस्था के 10वें नंबर पर रहने का जिक्र किया और कहा कि आज देश दुनिया की शीर्ष पांच इकोनॉमी में शामिल हो चुका है. उन्होंने अपनी सरकार के तीसरे कार्यकाल में अर्थव्यवस्था को दुनिया में तीसरे नंबर पर ले आने की गारंटी भी दी. गौरतलब है कि विपक्षी पार्टियां सरकार को अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर घेरती रही हैं. 

11- विकसित भारत

प्रधानमंत्री मोदी ने विकसित भारत के निर्माण को लक्ष्य बताया. उन्होंने कहा कि भारत के सामर्थ्य में कमी नहीं है.  2047 में जब देश आजादी के सौ साल पूरे होने का जश्न मना रहा होगा, तब दुनिया में विकसित भारत का तिरंगा झंडा होना चाहिए. पीएम ने तीसरे कार्यकाल से पहले ये संदेश देने की कोशिश की है कि उनका लक्ष्य दूरगामी है.

12- मेक इन इंडिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेक इन इंडिया का नाम लिए बिना भी लाल किले की प्राचीर से एक्सपोर्ट का जिक्र कर इसकी चर्चा कर दी. पीएम मोदी ने कहा कि भारत का एक्सपोर्ट तेजी से बढ़ा है. एक्सपर्ट कह रहे हैं कि भारत रुकने वाला नहीं है. पीएम मोदी का ये बयान तेज विकास के साथ ही मेक इन इंडिया के नारे पर मुहर की तरह है.

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13- सामर्थ्य और अवसर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामर्थ्य और अवसर की भी कई बार चर्चा की. पीएम मोदी ने कहा कि बदलते विश्व को आकार देने में 140 करोड़ भारतीयों की समार्थ्य नजर आ रही है. आप जितने अवसर चाहोगे, देश उतने अवसर उपलब्ध कराने में समर्थ है. 

14- सर्वश्रेष्ठ का भाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत पर दुनिया के बढ़ते भरोसे का जिक्र किया और 2014 चुनाव में अपना जीरो डिफेक्ट का नारा याद दिलाया. पीएम ने कहा कि भारत में बना सामान देखकर दुनिया को ये भरोसा हुआ है कि ये सर्वश्रेष्ठ है. भारत की हर चीज को लेकर सर्वश्रेष्ठ का भाव होना चाहिए.

15- सुरक्षा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में सुरक्षा को लेकर भी बात की. पीएम ने आंतरिक सुरक्षा का जिक्र करते हुए कहा कि सीरियल बम धमाकों के दिन अब लद गए हैं. उन्होंने देश की सरहदों को भी सुरक्षित बताया. गौरतलब है कि विपक्ष चीन सीमा पर चीनी घुसपैठ को लेकर सरकार पर हमलावर रहा है.

16- महंगाई

प्रधानमंत्री मोदी ने महंगाई रोकने के लिए सरकार के प्रयासों की चर्चा की और ये भी कहा कि हम इतने से ही संतुष्ट नहीं हैं. महंगाई कम से कम हो सके, इसके लिए और प्रयास करेंगे. उन्होंने विपक्ष पर भी हमला बोलते हुए कहा कि अगर पुरानी सरकार होती तो महंगाई डबल डिजिट में होती.

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17- 8 करोड़ नए रोजगार

विपक्षी पार्टियां बेरोजगारी को लेकर भी सरकार को घेरती रही हैं. पीएम मोदी ने विपक्ष के बेरोजगारी दांव की काट के लिए सरकार के रोजगार वाले प्रयास गिना दिए. पीएम ने मुद्रा योजना का भी जिक्र किया और कहा कि 8 करोड़ नए रोजगार शुरू हुआ हैं जिनमें कम से कम एक से दो लोगों को रोजगार मिला है. उन्होंने स्टार्टअप्स का भी उल्लेख किया.

18- युवा और स्टार्टअप्स

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि युवाशक्ति पर मुझे भरोसा है. युवाओं ने हमें दुनिया के शीर्ष तीन स्टार्टअप इकोसिस्टम में जगह दिला दी है. भारत ने जो कमाल किया है वो दिल्ली-मुंबई-चेन्नई तक सीमित नहीं है. टियर टू और टियर थ्री शहरों के नौजवान भी भाग्य गढ़ रहे हैं.

19- कोरोना वैक्सीनेशन

पीएम मोदी ने कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन की भी चर्चा की. उन्होंने लाल किले से कहा कि दो करोड़ वैक्सीनेशन किए गए जिस पर दुनिया भी हैरानी जताती है. पीएम मोदी ने जनऔषधि केंद्रों की संख्या 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार तक पहुंचाने की बात कही. जनऔषधि केंद्र से जेनरिक दवाओं की बिक्री होती है जो अपेक्षाकृत सस्ती पड़ती है.

20- गांव, गरीब, किसान

प्रधानमंत्री के संबोधन में गांव-गरीब और किसान की भी चर्चा थी. पीएम ने गांवों में विकास कार्यों का उल्लेख किया तो साथ ही आंकड़ों के सहारे करोड़ों लोगों के गरीबी रेखा से निकलने का भी जिक्र किया. उन्होंने किसानों के उत्थान के लिए सरकार के प्रयासों की भी चर्चा कीय 

21- रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म, परफॉर्म

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देशवासियों ने हमें सरकार फॉर्म करके दी जिससे मोदी में रिफॉर्म करने की हिम्मत आई. ब्यूरोक्रेसी ने ट्रांसफॉर्म के लिए परफॉर्म करने की जिम्मेदारी बखूबी निभाई.

22- ग्लोबल ऑर्डर- पॉलिटिकल इक्वेशन

पीएम मोदी ने बदलते ग्लोबल ऑर्डर और पॉलिटिकल इक्वेशन का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें भारत की भूमिका अहम होने वाली है. आप निर्णायक मोड़ पर खड़े हैं. गेंद हमारे पाले में है, मौके छोड़ने नहीं चाहिए. 

23- रेडी फॉर बैटल सेना

प्रधानमंत्री मोदी ने वन रैंक, वन पेंशन दिए जाने की चर्चा की और सेना में रिफॉर्म पर भी बात की. उन्होंने कहा कि सेना यंग हो और उसे रेडी फॉर बैटल बनाया जा सके, इसके लिए रिफॉर्म किए जा रहे हैं. पीएम के इस बयान को लोगों में अग्निवीर योजना को लेकर कथित नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है. 

24- इतिहास का जिक्र, भविष्य का खाका

पीएम मोदी ने देश के गुलामी की जंजीरों में जकड़ने का इतिहास याद दिलाया और भविष्य का खाका भी पेश किया. उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी चीजें भी हजार साल तक प्रभाव डालती हैं. एक राजा के हार जाने की छोटी घटना का परिणाम रहा कि देश करीब हजार साल तक गुलामी की जंजीरों में जकड़ा रहा. हम जो भी फैसले लेंगे, वो हजार साल तक भारत का भाग्य लिखने वाला है.

 

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