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कोई 93 की उम्र में भी MP है तो कोई 25 की उम्र में ही लोकसभा पहुंच गया, PM ने ऐसे तीन नेताओं का किया जिक्र

आज प्रधानमंत्री मोदी ने संसद की पुरानी इमारत और इससे जुड़े इतिहास का जिक्र किया. इस दौरान पीएम मोदी ने लोकसभा में सबसे बुजुर्ग, सबसे युवा और सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सांसदों का भी जिक्र किया. 

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संसद में पीएम मोदी
संसद में पीएम मोदी

संसद की कार्यवाही कल से नए भवन से चलेगी. ऐसे में आज प्रधानमंत्री मोदी ने संसद की पुरानी इमारत और इससे जुड़े इतिहास का जिक्र किया. इस दौरान पीएम मोदी ने लोकसभा में सबसे बुजुर्ग, सबसे युवा और सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सांसदों का भी जिक्र किया. 

बता दें कि सबसे बुजुर्ग लोकसभा सांसद 93 वर्षीय समाजवादी पार्टी के शफीकुर्रहमान बर्क रहे हैं. वहीं पीएम मोदी ने सबसे युवा सांसद चंद्राणी मुर्मू का भी उल्लेख किया जो बीजू जनता दल (बीजेडी) से 25 साल की उम्र में सांसद बने. साथ ही पीएम मोदी ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) नेता इंद्रजीत गुप्ता को भी याद किया, जिन्होंने 1977 से 1980 की छोटी अवधि को छोड़कर, 1960 से 2001 तक लगभग 36 वर्षों तक लोकसभा सांसद के रूप में कार्य किया.

सबसे बुजुर्ग सांसद

बताते चलें कि लोकसभा के मौजूदा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क 9 बार सांसद चुने जा चुके हैं. वह पहली बार 1996 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से लोकसभा सदस्य बने. इससे पहले वह चार बार विधायक के तौर पर चुनाव जीत चुके थे. वह 1998 और 2004 में फिर से मुरादाबाद से और 2009 में संभल से और फिर 2019 में लोकसभा के लिए चुने जा चुके हैं. 

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बर्क का विवादों से नाता

गौरतलब है कि शफीकुर्रहमान बर्क विवादों के केंद्र में भी रहे हैं. 2019 में, अपने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान संसद में वंदे मातरम का नारा लगाने से इनकार करने के बाद बर्क बहस का केंद्र थे.

सबसे युवा सांसद
 
इसके अलावा पीएम ने जिस सबसे युवा सांसद चंद्राणी मुर्मू का जिक्र किया उन्होंने 2019 में ओडिशा के क्योंझर से लोकसभा चुनाव जीता था. वह वर्तमान में सबसे कम उम्र की भारतीय सांसद हैं. वह पूर्व कांग्रेस सांसद हरिहरन सोरेन की बेटी हैं. उनके पास मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री है.

सबसे लंबे वक्त तक सेवा देने वाले सांसद

इस बीच पीएम ने जिन इंद्रजीत गुप्ता का जिक्र किया वे लोकसभा में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सांसद हैं. गुप्ता 1960 में पहली बार उपचुनाव में लोकसभा के लिए चुने गए. इसके बाद, 1977 से 1980 तक की छोटी अवधि को छोड़कर, वह 2001 में अपनी मृत्यु तक लोकसभा सांसद रहे.

उन्होंने 1960-1967 तक कलकत्ता दक्षिण पश्चिम से सीपीआई सांसद, 1967-1977 तक अलीपुर सांसद और फिर 1980-1989 तक बशीरहाट सांसद के रूप में कार्य किया, जिसके बाद उन्होंने 1989 में मिदनापुर से चुनाव लड़ा और जीता और लोकसभा में निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. 2001 में उनकी मृत्यु हो गई और तब तक वे सांसद ही रहे. 

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हालांकि 1977 में सीपीआई द्वारा आपातकाल का समर्थन करने के बाद गुप्ता दम दम में अशोक कृष्ण दत्त से हार गए थे. उन्होंने प्रधान मंत्री एच डी देवेगौड़ा और आई के गुजराल की संयुक्त मोर्चा सरकारों में केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में भी कार्य किया था.

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