जम्मू-कश्मीर में सब-इंस्पेक्टर भर्ती मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को देश के अलग-अलग हिस्सों में छापेमारी की. जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने अपनी जांच के दौरान पाया है कि सब-इंस्पेक्टर पद के लिए इच्छुक उम्मीदवारों से उनके चयन के बदले में 20 से 30 लाख रुपये रिश्वत के रूप में लिए गए थे. अधिकारियों ने कहा कि एक बार उम्मीदवारों के परिवार द्वारा पैसे दिए जाने के बाद उन्हें परीक्षा शुरू होने से पहले ही प्रश्न पत्र दे दिए गए थे.
बता दें कि मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में इस सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले को लेकर चार राज्यों में लगभग 36 स्थानों पर छापेमारी की. सीबीआई अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर के जम्मू, श्रीनगर, हरियाणा के करनाल, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुजरात के गांधीधाम, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और कर्नाटक के बैंगलोर में संदिग्धों के आवासीय और आधिकारिक परिसरों की तलाशी ली, जिसमें जम्मू-कश्मीर कर्मचारी चयन बोर्ड (जेकेएसएसबी) के पूर्व अध्यक्ष खालिद जहांगीर और तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक अशोक कुमार के ठिकाने भी शामिल हैं. इस दौरान हरियाणा में रहने वाले गिरोह के कुछ सदस्यों, कुछ शिक्षकों, जम्मू-कश्मीर पुलिस के कुछ सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों सहित एक पुलिस उपाधीक्षक के ठिकानों पर भी जांच एजेंसी द्वारा रेड की गई थी.
बड़े अधिकारियों की मिलीभगत
इस दौरान यह बात सामने आई कि यह रैकेट हरियाणा में रहने वाले कुछ लोगों, जम्मू-कश्मीर के कुछ शिक्षकों के साथ-साथ सीआरपीएफ के कुछ सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मियों, जम्मू-कश्मीर पुलिस के कुछ अधिकारियों और जम्मू-कश्मीर कर्मचारी चयन बोर्ड के शीर्ष अधिकारी द्वारा चलाया जा रहा था. इससे पहले सीबीआई ने 5 अगस्त को जम्मू, श्रीनगर और बेंगलुरु सहित 30 स्थानों पर आरोपियों के परिसरों पर छापेमारी की थी.
सीबीआई ने एक बयान में कहा, "छानबीन के दौरान अब तक आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल सबूत बरामद किए गए हैं."
27 मार्च को हुई थी परीक्षा
सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेकेएसएसबी) द्वारा 27 मार्च को आयोजित जम्मू-कश्मीर पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के पदों के लिए लिखित परीक्षा में अनियमितताओं के आरोपों पर जम्मू-कश्मीर सरकार के अनुरोध पर 33 आरोपियों के खिलाफ 3 अगस्त, 2022 को मामला दर्ज किया था. 4 जून, 2022 को इस परीक्षा के रिजल्ट घोषित किए गए थे.
बेंगलुरु की प्राइवेट कंपनी ने तैयार किया प्रश्न पत्र
सीबीआई ने आगे कहा, “परीक्षा में गड़बड़ के आरोप थे. जम्मू-कश्मीर सरकार ने इसके लिए एक जांच समिति का गठन किया था. यह आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने JKSSB के अधिकारियों, बेंगलुरु स्थित निजी कंपनी और लाभार्थी उम्मीदवारों के साथ मिलकर साजिश रची और सब-इंस्पेक्टर के पदों के लिए लिखित परीक्षा में घोर अनियमितताएं कीं. जांच समिति ने यह भी पाया कि जम्मू, राजौरी और सांबा जिलों के चयनित उम्मीदवारों का प्रतिशत असामान्य रूप से अधिक था. JKSSB ने कथित तौर पर नियमों को ताक पर रखकर बेंगलुरु स्थित एक प्राइवेट कंपनी को प्रश्न पत्र तैयार करने का काम सौंपा था."