असम पुलिस ने शनिवार को एक बड़े साइबर ठगी रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जो भारतीय मोबाइल सिम कार्ड्स के जरिए पाकिस्तान समेत कई देशों के साइबर अपराधियों को व्हाट्सएप अकाउंट बनाने में मदद कर रहा था. इस रैकेट के खिलाफ पुलिस ने ‘ऑपरेशन घोस्ट सिम’ नाम से विशेष अभियान चलाया, जिसमें सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
डीजीपी हरीमीत सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस रैकेट की जानकारी मिलिट्री इंटेलिजेंस से मिली थी, जिसके आधार पर असम पुलिस की स्पेशल ब्रांच और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने मिलकर कार्रवाई की.
948 सिम कार्ड जब्त
उन्होंने बताया कि शुक्रवार दोपहर से लेकर शनिवार तक असम के दो जिलों, राजस्थान के दो जिलों और तेलंगाना के एक जिले में एक साथ छापेमारी की गई. इस दौरान पुलिस ने 948 सिम कार्ड जब्त किए हैं, जो फर्जी पहचान के आधार पर लिए गए थे. साथ ही कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ भी बरामद किए गए हैं.
भारतीय मोबाइल नंबर मुहैया कराए जा रहे थे
पुलिस का कहना है कि इस रैकेट के जरिए पाकिस्तान के साइबर अपराधियों को भारतीय मोबाइल नंबर मुहैया कराए जा रहे थे, जिससे वे व्हाट्सएप अकाउंट बना रहे थे. इन अकाउंट्स के जरिए वे भारत के लोगों को कॉल और मैसेज कर उन्हें ठगने की कोशिश कर रहे थे.
लोगों को लगता था भारत के नंबर से कॉल आ रही है
डीजीपी ने बताया कि आम लोगों को यह लगता था कि उन्हें भारत के नंबर से कॉल आ रही है, लेकिन असल में कॉल पाकिस्तान से की जा रही थी. फिलहाल पुलिस 15 अन्य लोगों से पूछताछ कर रही है, जिनमें से कई के नाम पर ये सिम कार्ड्स जारी किए गए थे.
असम पुलिस का यह अभियान साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ी सफलता माना जा रहा है और आगे इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है.