पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर (Pakistan-occupied Jammu Kashmir) में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा गोलियां चलाने की वजह से अब तक करीब 12 नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हैं. जम्मू कश्मीर जॉइंट अवामी एक्शन कमेटी (AAC) ने 29 सितंबर को पूर्ण बंद का आह्वान किया है.
AAC के नेतृत्व में स्थानीय नागरिकों ने यह विरोध प्रदर्शन शुरू किया है. यह बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन सार्वजनिक अधिकारों और राजनीतिक सुधारों की मांग को लेकर हो रहा है. यह प्रोटेस्ट पिछले 72 घंटों से पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर (PoJK) के मुजफ्फराबाद, धीरकोट, और डैडयाल समेत पूरे क्षेत्र में हो रहा है.
यह हिंसा पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोलियों और भारी बल का इस्तेमाल किए जाने की वजह से भड़की है, जिसमें 12 नागरिक मारे गए हैं. सरकार द्वारा 38 प्रमुख मांगों को पूरा करने में विफलता के कारण लोगों में गुस्सा है.
12 नागरिकों की मौत और 200 घायल
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक करीब 12 नागरिक मारे जा चुके हैं. मुजफ्फराबाद में पांच प्रदर्शनकारियों को गोली मार दी गई, जबकि धीरकोट में पांच और डैडयाल में दो प्रदर्शनकारी मारे गए हैं. इसके अलावा, 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कई गंभीर रूप से घायल हैं और ज्यादातर को गोली के घाव लगे हैं. इस स्थिति ने पिछले 72 घंटों से पूरे क्षेत्र को पंगु बना दिया है.
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सेना की तैनाती और विरोध की वजह...
विरोध प्रदर्शन शोषण, अभाव और क्षेत्र में पाकिस्तान के बढ़ते दमन को लेकर स्थानीय लोगों के बढ़ते गुस्से को दर्शाता है. AAC ने 38 प्रमुख मांगों को पूरा करने में सरकार की विफलता का हवाला देते हुए 29 सितंबर को पूर्ण बंद और पहिया-जाम हड़ताल का आह्वान किया है. इन मांगों में पाकिस्तान में रहने वाले कश्मीरी शरणार्थियों के लिए विवादास्पद आरक्षित विधायी सीटें समाप्त करना शामिल है. अशांति को दबाने के लिए पंजाब और इस्लामाबाद से हजारों अतिरिक्त सैनिकों को भेजा गया है, जबकि सशस्त्र सुरक्षा कर्मियों ने फ्लैग मार्च भी किया.
अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप की अपील
पिछले सप्ताह खैबर पख्तूनख्वा की घटना के बाद मामला तूल पकड़ा है, जहां पाकिस्तानी वायु सेना के हवाई हमलों के दौरान 30 नागरिक मारे गए थे. इस बीच, यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (UKPNP) के प्रवक्ता नासिर अज़ीज़ खान ने संयुक्त राष्ट्र और इंटरनेशनल कम्युनिटी से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है. उन्होंने जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 60वें सत्र में बोलते हुए PoJK में बढ़ते मानवीय संकट की चेतावनी दी.