पाकिस्तान के साथ चल रहे तनाव के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए सेना को आपातकालीन खरीद को मंजूरी दी है. थल सेना, नौसेना और वायुसेना अपने जरूरत के अनुसार बम-बारूद, ड्रोन, लोइटरिंग म्यूनिशन और अन्य हथियार सीधे खरीद सकते हैं.
रक्षा सुत्रों ने इंडिया टुडे को बताया है कि भारतीय सुरक्षाबलों को आपातकालीन खरीद की मंजूरी हाल में आयोजित हुए रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में दी है.
यह पांचवीं बार है कि केंद्र सरकार ने आपातकालीन खरीद अधिकार को मंजूरी दी है. सेना अब बिना किसे लंबी प्रक्रिया के हथियार खरीद सकेंगे. इस मंजूरी के बाद तत्कालीन तैयारियों को और गति मिल जाएगी.
50,000 करोड़ तक की खरीद की छूट
केंद्र सरकार की ओर से मिली मंजूरी के बाद सेना अब 50 हजार करोड़ रुपये के हथियार को खरीद सकेगी. हालांकि, अगर जरूरत पड़ती है तो सरकार और अतिरिक्त बजट दे सकती है.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद की स्थिति
भारत ने सात मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के कई आतंकी और सैन्य ठिकानों पर जोरदार प्रहार किया. फिर दोनों देश ने 10 मई को सीजफायर पर सहमति जताई.
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ऑपरेशन सिंदूर: शाह बोले- जैश-लश्कर के HQ तबाह, पहलगाम का बदला लिया
अमित शाह ने ऑपरेशन सिंदूर पर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारत न्यूक्लियर धमकी से नहीं डरता और पाकिस्तान में आतंकवादी कैंप तबाह कर दिए गए. उनके अनुसार, 'पहलगाम के हमले का बदला जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के हेडक्वार्टर को जमींदोज कर मिट्टी में मिला कर लिया गया'. यह भारत की ओर से उरी और पुलवामा के बाद की गई कड़ी जवाबी कार्रवाई है.
शहबाज शरीफ का खुलासा, भारत ने 9-10 मई की रात मिसाइलों से एयरबेस तबाह किए
ऑपरेशन सिंदूर में हार के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सार्वजनिक रूप से कबूल किया है कि भारत ने 9 और 10 मई की दरमियानी रात लगभग ढाई बजे पाकिस्तान पर भीषण मिसाइल हमला किया था. शरीफ ने बताया कि सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने उन्हें सिक्योर फोन पर सूचित किया कि हिंदुस्तान ने अपने बेलिस्टिक मिसाइल्स अभी लॉन्च किए हैं, जो नूर खान एयरबेस सहित कई स्थानों पर गिरे, जिससे कुल 11 पाकिस्तानी एयरबेस नष्ट हो गए.