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पॉपकॉर्न डिबेट: खाने-पीने के सामान के दाम पर क्या बोलीं निर्मला सीतारमण

आजतक को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पॉपकॉर्न का उदाहरण देकर बताया कि पहले नमकीन और शुगर/चॉकलेट वाले पॉपकॉर्न पर अलग-अलग टैक्स रेट लगते थे, जिससे राज्यों और कारोबारियों को दिक्कतें होती थीं और कई मामले कोर्ट तक गए. उन्होंने कहा कि यह क्लासिफिकेशन की तकनीकी समस्या थी, जिसे अब सुलझा लिया गया है और फूड आइटम्स को ज्यादातर 5% स्लैब में रखा गया है.

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निर्मला सीतारमण ने कहा कि फूड चाहे नमकीन हो या शुगर 5 प्रतिशत वाले में ही रखा गया है. (Photo: ITG)
निर्मला सीतारमण ने कहा कि फूड चाहे नमकीन हो या शुगर 5 प्रतिशत वाले में ही रखा गया है. (Photo: ITG)

जीएसटी में बदलावों को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आजतक से खास बातचीत की और कई अहम मुद्दों पर जनता के सवालों के जवाब दिए. यह जीएसटी रिफॉर्म के बाद उनका पहला एक्सक्लूसिव इंटरव्यू था. इस दौरान उन्होंने पॉपकॉर्न डिबेट के बारे में भी बात की और जीएसटी रेट के गणित को समझाया.

वित्त मंत्री ने दिया पॉपकॉर्न का उदाहरण

निर्मला सीतारमण ने कहा, 'जो जीएसटी के बारे में इतना नहीं जानते मैं उन्हें बताना चाहती हूं. पॉपकॉर्न अगर नमकीन है तो एक रेट, पॉपकॉर्म अगर चॉकलेट और शुगर के साथ है तो दूसरा रेट. इसे लेकर उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में बहुत संकट पैदा हुआ. लोग शुगर और चॉकलेट वाले पॉपकॉर्न पर भी नमकीन पॉपकॉर्न की तरह कम टैक्स भरते थे. उसके कारण कई मामले कोर्ट में भी गए.'

'क्लासिफिकेशन की समस्या को भी डील किया'

उन्होंने कहा, 'यूपी सरकार ने भी हमसे पूछा कि कैसे डील करें क्योंकि हम जाकर अगर व्यापारी से पूछते हैं तो उन्हें लगता है कि हम उन्हें परेशान कर रहे हैं. इसलिए उस वक्त ये चर्चा में आया जिसे लेकर लोगों ने मुझे घेरा भी कि वित्त मंत्री पॉपकॉर्न को लेकर क्यों बात कर रही हैं.'

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वित्त मंत्री ने कहा, 'यह एक टेक्निकल विषय है. काउंसिल में चर्चा की जरूरत थी और चर्चा में जो हुआ उसे मीडिया में बोला गया. क्लासिफिकेशन के कारण ही ये दिक्कत आती है. इस बार हमने उस समस्या को भी डील किया है. फूड चाहे नमकीन हो या शुगर के साथ 5% वाले में ही जाना चाहिए. हां एक-दो अपवाद जरूर हैं.'

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