दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मीडिया पोर्टल NewsClick के दफ्तर और पत्रकारों के यहां मंगलवार को छापेमारी की थी. पुलिस ने न्यूजक्लिक के संस्थापक-संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और HR हेड अमित चक्रवर्ती को भी गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस ने NewsClick के खिलाफ UAPA के तहत जो FIR दर्ज की है, उसमें चाइनीज साजिश से लेकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के साथ कनेक्शन का भी खुलासा किया है. FIR के मुताबिक, किसान आंदोलन, कोरोना महामारी से लेकर जम्मू कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश तक के मामलों में भारत को बदनाम करने की साजिश रची गई.
दिल्ली पुलिस ने इस साल 17 अगस्त को आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए और आईपीसी की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया था. इसी मामले में मंगलवार को छापेमारी की गई. पुलिस ने यूएपीए की धारा-16, 17, 18 और 22C के तहत केस दर्ज किया है. साथ ही एफआईआर में आईपीसी की धारा-153A (दो समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 120B (आपराधिक साजिश) भी लगाई गई है.
FIR के मुताबिक, ईमेल का एनालिसिस करने पर पता चला है कि सिंघम, पुरकायस्थ और चक्रवर्ती एक-दूसरे के संपर्क में थे. वो तीनों इस बात पर चर्चा करते थे कि कश्मीर के बिना भारत का नक्शा कैसे दिखाया जाए. साथ ही अरुणाचल प्रदेश को विवादित इलाके के रूप में कैसे दिखाया जा सकता है. इस मकसद को हासिल करने के लिए आरोपी ने विदेशी फंड की आड़ में 115 करोड़ रुपये से ज्यादा लिए थे.
ISI का कनेक्शन भी आया सामने
स्पेशल सेल के मुताबिक, पता चला है कि न्यूजक्लिक के शेयरहोल्डर गौतम नवलखा एंटी-इंडिया और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल थे. जैसे प्रतिबंधित नक्सली संगठनों का समर्थन करना और देश विरोधी तत्वों और पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी आईएसआई के एजेंट गुलाम नबी फई से उनकी साठगांठ थी.'
सरकार को बदनाम करने की साजिश रची!
FIR के मुताबिक, पुरकायस्थ और उसके सहयोगियों ने विदेशी फंडिंग की हेराफेरी की. अवैध विदेशी फंडिंग के जरिए किसान आंदोलन को लंबा खींचकर संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और नष्ट करने की साजिश रची. पुलिस ने ये भी कहा कि कोविड महामारी के रोकने के भारत सरकार के प्रयासों को बदनाम करने के लिए एक झूठी कहानी गढ़ी गई. रिमांड एप्लीकेशन में आरोप लगाया गया है कि पुरकायस्थ ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए 'पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म' संगठन के साथ मिलकर साजिश रची थी.
स्पेशल सेल ने बताया, 'सीक्रेट इनपुट से पता चला है कि पुरकायस्थ, नेविल रॉय सिंघम और सिंघम की शंघाई स्थित कंपनी के चीनी कर्मचारियों के बीच मेल पर बातचीत होती थी. ये इनके अरुणाचल प्रदेश और कश्मीर को भारत का हिस्सा नहीं दिखाने के इरादे को उजागर करता है.'
FIR में आरोप लगाया गया है, 'इन व्यक्तियों की इस तरह की कोशिशों से वैश्विक और घरेलू स्तर पर एक कहानी फैलाने की साजिश का पता चलता है कि कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश विवादित इलाके हैं. भारत की उत्तरी सीमाओं के साथ छेड़छाड़ और कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश के भारत के हिस्सों के रूप में न दिखाना एकता और अखंडता को कमजोर करने की मंशा से किया गया कृत्य है.'