इस साल दिसंबर के महीने में ही कई सारे पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी देखने को मिल रही है. पिछले कुछ सालों से दिसंबर में बर्फबारी गायब थी, इसलिए ये पैटर्न बदला-बदला सा दिख रहा है, लेकिन क्या वाकई ये हो रही बर्फबारियां असामान्य हैं या फिर ऐसा होना इस मौसम के लिए नॉर्मल है. इस पर जानकारों की राय बंटी हुई है, क्योंकि बर्फबारी तो हो ही रही है, लेकिन जब बर्फ नहीं पड़ रही तो तापमान अचानक काफी नीचे पहुंच जा रहा है, जैसा कि बुधवार को हुआ जब लद्दाख में माइनस 20 डिग्री से भी नीचे पारा पहुंच गया.
मौसम विभाग की मानें तो दिसंबर में बर्फबारी होनी सामान्य है वो भी दिसंबर के दूसरे हिस्से में. मौसम विभाग के सीनियर वैज्ञानिक डॉ नरेश कुमार बताते हैं कि "सर्दियों के मौसम में एक के बाद एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस आता ही रहता है, जिसकी वजह से पहाड़ों पर बर्फ पड़ती है और उत्तरी भारत में बारिश देखने को मिलती है. उल्टा इस साल वेस्टर्न डिस्टरबेंस यानि पश्चिमी विक्षोभ की फ्रीक्वेंसी कम है. अब तक कोई बड़ा सिस्टम एक्टिव नहीं हुआ है. पहला बड़ा विक्षोभ 26 दिसंबर की रात से आएगा." तो सवाल ये है कि जब वेस्टर्न डिस्टरबेंस लगातार नहीं आ रहे तो फिर तापमान क्यों गिर रहा है.
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वेस्टर्न डिस्टरबेंस के जाने के बाद गिरता है तापमान
मौसम विज्ञान कहता है कि जब वेस्टर्न डिस्टरबेंस बर्फबारी या बारिश करा रहा होता है. उस वक्त रात का तापमान यानि न्यूनतम तापमान बढ़ जाता है, जबकि दिन का तापमान यानि अधिकतम तापमान में गिरावट आती है. जब एक बार सिस्टम गुजर जाता है तो रात का तापमान गिरता है और दिन का बढ़ जाता है.
एक के बाद एक आने वाले पश्चिमी विक्षोभ इस कमी और बढ़ोत्तरी को बैलेंस करके रखते हैं. इस साल पिछले दो सालों की तरह दिसंबर महीने में वेस्टर्न डिस्टरबेंस बिल्कुल गायब तो नहीं हैं लेकिन उनके बीच काफी अंतर है. तापमान में कमी और बढ़ोतरी की वजह दो डिस्टरबेंस के बीच के समय की वजह से हो सकती है.
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क्या क्लाइमेट चेंज का असर सर्दियों पर भी दिख रहा है?
क्लाइमेट चेंज यानि जलवायु परिवर्तन सिर्फ गर्मी या बारिश में बढ़ोत्तरी ही नहीं कर रहा है, सर्दियों को भी उल्टा-पुल्टा करने में लगा है. अगर दो बर्फबारी के बीच में समय का अंतर ज़्यादा होता है तो ऐसी परिस्थिति में रात का तापमान काफी नीचे जा सकता है. कुछ ऐसा ही लद्दाख ,जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश में देखा जा रहा है. अब तक इन जगहों पर भी भारी बर्फबारी का इंतजार है. अब तक हुई बर्फबारी को मौसम विभाग हल्के से मध्यम की श्रेणी में ही रखा जा सकता है, जबकि पहली भारी बर्फबारी 27 और 28 दिसंबर को ही होने के आसार हैं.