गुजरात के सावली स्थित मेन्यूफेक्चरिंग प्लांट में मेरठ मेट्रो के पहले ट्रेनसेट का अनावरण किया गया. अनावरण के साथ ही, मेट्रो ट्रेनसेट को एनसीआरसीटीसी को सौंप दिया गया है. मेरठ मेट्रो परियोजना का लक्ष्य उत्तर प्रदेश के मेरठ के निवासियों को एक सुरक्षित, कुशल और आधुनिक परिवहन प्रणाली प्रदान करना है. इस मेट्रो का ट्रायल रन भी जल्द शुरू किया जाएगा.
इस कार्यक्रम में एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह सहित कई लोगों ने हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम में ट्रेनसेट के पहले लुक का अनावरण भी किया गया. आवास और शहरी मामलों के मंत्री, हरदीप सिंह पुरी ने इस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि हमने जो उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है, वह भारत को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बनाने के अपने उद्देश्य को शीघ्रता से पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करती है.

इस मेट्रो ट्रेनसेट में क्या होगा खास
इस ट्रेनसेट में कई आधुनिक उपकरण होंगे. मेट्रो ट्रेन में ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन, ऑटोमेटिक ट्रेन कंट्रोल और ऑटोमेटिक ट्रेन ऑपरेशन जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. वहीं, इस ट्रेन में एक बार में 700 यात्री यात्रा कर सकेंगे. इस मेट्रो ट्रेन के स्टेशनों पर भी यात्रियों की सुविधा का ख्याल रखा जाएगा. इसके स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन वाले दरवाजे होंगे जिससे भीड़ को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी.
मेरठ मेट्रो कॉरिडोर पर होंगे कितने स्टेशन
मिली जानकारी के मुताबिक, इस कॉरीडोर पर 13 स्टेशन होंगे. 23 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर पर मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, डौरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो स्टेशन शामिल होंगे.