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'मैं यहीं पैदा हुआ, यहीं रहूंगा और यहीं मरूंगा...', कर्नाटक के रामनगर में बोले डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार

कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने रामनगर में कहा कि वे यहीं पैदा हुए, यहीं रहेंगे और यहीं मरेंगे. उन्होंने ज़िले के लोगों को सशक्त बनाने और 100 एकड़ ज़मीन पर प्लॉट बांटने की पहल का उल्लेख किया. उन्होंने पूर्व नेताओं की तुलना करते हुए अपने विकास प्रयासों पर जोर दिया.

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डीके शिवकुमार ने रामनगर के प्रति अपनी वफादारी जताई (File Photo :PTI)
डीके शिवकुमार ने रामनगर के प्रति अपनी वफादारी जताई (File Photo :PTI)

कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने आज अपने गृह जिला रामनगर के प्रति अपनी वफादारी जताते हुए कहा कि मैं यहीं पैदा हुआ, यहीं रहूंगा और यहीं मरूंगा. 

देवराज उर्स की जयंती मनाने के लिए रामनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मैं इसी मिट्टी में पैदा हुआ हूं, यहीं रहूंगा और यहीं मरूंगा. मुझे इस ज़िले से कुछ भी नहीं लेना है क्योंकि मैं यहीं का हूं, मेरी एकमात्र प्राथमिकता यहां के लोगों को सशक्त बनाना है.

डीके शिवकुमार ने कहा कि कुछ लोग आलोचना कर रहे हैं कि मैंने रियल एस्टेट को ध्यान में रखते हुए ज़िले का नाम बदला है. मैं सिद्धांतों पर आधारित जीवन में विश्वास करता हूं और मैंने इस ज़िले के लोगों के लिए ऐसा किया है. हमने पहले ही 100 एकड़ ज़मीन पर प्लॉट बनाकर ज़रूरतमंदों को बांटने का फ़ैसला कर लिया है. हमने अधिकारियों को बागर हुकुम और अन्य ज़मीनों को खाली करने का निर्देश दे दिया है.

उन्होंने कहा कि ईश्वर ने मुझे सेवा का अवसर दिया है और अगर मैं अपने लोगों की मदद नहीं कर सकता, तो सत्ता का क्या फ़ायदा? हम कनकपुरा में लगभग 100 एकड़ ज़मीन बांट चुके हैं. हमने 8000 लोगों को बागर हुकुम ज़मीन दी है. डीके सुरेश को यहां की ज़िम्मेदारी दी गई है.

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डीके शिवकुमार ने कहा कि कुमारस्वामी इस निर्वाचन क्षेत्र से दो बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन उन्होंने लोगों को कोई प्लॉट नहीं दिया. वे राजनीति में क्यों रहें? जनता दल ने यहां राजनीति करने का अवसर खो दिया है. पूर्व मंत्री अश्वथनारायण ने हमारी मर्दानगी को चुनौती दी थी, लेकिन वे एक भी प्लॉट जारी नहीं कर पाए. भाजपा ने सत्ता में रहते हुए किसी की मदद नहीं की. 

डिप्टी सीएम ने कहा कि देवराज उर्स कई योजनाएं लेकर आए, जिनसे गरीबों का जीवन बदल गया. उन्होंने सामाजिक न्याय दिया. देवराज उर्स शाही परिवार से थे, लेकिन उन्होंने गरीबों के लिए काम किया. उन्होंने धर्मनिरपेक्ष तरीके से हर समुदाय का उत्थान किया.

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