
जगजीत सिंह डल्लेवाल ने हाल ही में एक बैठक में यह सवाल उठाया कि क्या उनकी भावनाएं ही सारे देश के किसानों को यहां खींच लाई हैं. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि 4 तारीख को खनौरी बॉर्डर पर एक बड़ी महापंचायत आयोजित की जाएगी. इस महापंचायत में लाखों लोगों के शामिल होने की संभावना है. इस बीच आज एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक भी खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता डल्लेवाल से मिलने पहुंचे.
डल्लेवाल ने यह भी कहा कि वह 4 जनवरी को मंच से किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश दे सकते हैं. 30 तारीख को पंजाब बंद के आह्वान को भी व्यापक समर्थन मिल रहा है. इसके तहत दुकानें सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक बंद रहेंगी.
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किसानों की मांग को नजरअंदाज कर रही सरकार!
डल्लेवाल ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार गहरी नींद में सो रही है और किसानों की मांगों को नजरअंदाज कर रही है. उन्होंने कहा कि हम सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं. उनका कहना है कि वे सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं. आज सुप्रीम कोर्ट में जिस सुनवाई की उम्मीद थी, उसमें केंद्र सरकार के वकील की तबीयत खराब होने के कारण कोई निर्णायक आदेश नहीं दिया गया.
सरकार को आगे आकर बात करनी चाहिए!
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में आज हुई सुनवाई में केंद्र सरकार के वकील की तबीयत खराब रही. न ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कोई आदेश दिया है. बहरहाल, केंद्र सरकार को बातचीत करनी चाहिए. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को यह संकेत दिया कि उसे बातचीत के लिए आगे आना चाहिए. इस बीच एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक भी खनौरी बॉर्डर पहुंचे और यहां उन्हें किसान नेता डल्लेवाल से मुलाकात की.

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अपनी मांगों को लेकर अटल हूं!
कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि क्या किसान नेता डल्लेवाल को मेडिकल सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. इस बीच, डल्लेवाल ने एक वीडियो संदेश भी जारी किया, जिसमें उन्होंने अपने आमरण अनशन के पक्ष में अपनी भावनाएं व्यक्त कीं. आज सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर हुई सुनवाई के बाद डल्लेवाल ने अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि वह अपनी मांगों को लेकर अटल हैं.