हमास से जंग के बीच इजरायली सरकार ने रविवार को भारत में नए राजदूत के रूप में रुवेन अजार की नियुक्ति को मंजूरी दी है. वह नोर गिलोन की जगह लेंगे. गिलोन, भारत के साथ-साथ श्रीलंका और भूटान के राजदूत की जिम्मेदारी भी निभा रहे थे. वह इससे पहले इटली और नीदरलैंड में भी राजदूत रह चुके थे.
इजरायली विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि रुवेन अजार श्रीलंका और भूटान में भी राजदूत के रूप में काम करेंगे. अजार की नियुक्ति उन 21 नए राजदूतों में से एक है, जिन्हें इजरायली सरकार ने जल्द ही सेवा ग्रहण करने के लिए मंजूरी दी है.
विदेश मंत्री एली कोहेन ने नए नियुक्त हुए अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि वे इजरायल और उसके नागरिकों का प्रतिनिधित्व करेंगे. इसकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे. साथ ही इजरायल के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाएंगे.
आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अजार वर्तमान में रोमानिया में इजराइल के राजदूत के रूप में कार्यरत हैं. अभी यह पता नहीं है कि वह नई दिल्ली में कब कार्यभार संभालेंगे.
कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा चुके हैं अजार
अजार ने पहले विदेश मंत्रालय में इजराइल-अमेरिका-चीन आंतरिक टास्क फोर्स के प्रमुख के रूप में कार्य किया है, तीन साल के कार्यकाल के तुरंत बाद राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में विदेश नीति के लिए उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और प्रधान मंत्री के विदेश नीति सलाहकार के रूप में भी कार्य किया है.
साल 2014 से 2018 तक, अजार वाशिंगटन, डीसी में इजराइल के दूतावास में उप राजदूत थे. उन्होंने 2012 से 2014 तक इजराइली विदेश मंत्रालय में मिडिल-ईस्ट रिसर्च के प्रमुख और 2010 से 2012 तक अम्मान में इजराइल के दूतावास में मिशन के उप प्रमुख के रूप में भी कार्य किया.
साल 1994 में विदेश मंत्रालय के कैडेट ट्रेनिंग प्रोग्राम पूरा होने के बाद रुवेन अजार ने ज्यादातर मिडिल ईस्ट से जुड़े पदों पर काम किया है, इनमें ईरान प्रतिबंध टीम और मिडिल-ईस्ट इकोनॉमिक रिसर्च के डायरेक्टर जैसे पद शामिल हैं. इसके अलावा उन्होंने फिलिस्तीनी प्राधिकरण के साथ सहयोग और फिलिस्तीनी मुद्दों पर शोध भी किया है.
अर्जेंटीना में हुआ था जन्म
अजार का जन्म अर्जेंटीना में हुआ था और वह 13 साल की उम्र में अपने परिवार के साथ इजराइल आ गए थे. उनके पास हिब्रू विश्वविद्यालय से अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री है.