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बाबा साहेब अंबेडकर यात्रा के लिए IRCTC लाया सस्ता टूर पैकेज, जानें रूट और खर्च

Baba Saheb Ambedkar Yatra Tour: देखो अपना देश के तहत आईआरसीटीसी बाबा साहेब अंबेडकर यात्रा टूर पैकेज लेकर आया है. जिसमें डॉ. भीम राव अंबेडकर के जीवन से जुड़े प्रमुख स्थलों के दर्शन कराए जाएंगे. इस टूर पैकेज के तहत गया, नागपुर, सांची, वाराणसी समेत कई शहर घूमने का मौका मिलेगा.

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Bharat Gaurav Tourist Train (File Photo)
Bharat Gaurav Tourist Train (File Photo)

Bharat Gaurav Tourist Train Tour: भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम लिमिटेड (IRCTC) देखो अपना देश के तहत बाबा साहेब अंबेडकर यात्रा टूर पैकेज लेकर आया है. जिसमें डॉ. भीम राव अंबेडकर के जीवन से जुड़े प्रमुख स्थलों के दर्शन कराए जाएंगे. बाबा साहेब अंबेडकर यात्रा की पहली जर्नी 14 अप्रैल 2023 को नई दिल्ली से शुरू होगी. 

7 रात और 8 दिन का यह टूर पैकेज भारत गौरव पर्यटक ट्रेन द्वारा दिल्ली से शुरू होगा और इसका पहला पड़ाव मध्य प्रदेश में डॉ. अंबेडकर नगर (महू) है, जो बाबा साहेब की जन्मभूमि (भीम जन्म भूमि) है. फिर ये ट्रेन नागपुर रेलवे स्टेशन तक जाएगी जहां पर्यटक नवयान बौद्ध धर्म के पवित्र स्मारक-दीक्षाभूमि की यात्रा के लिए आगे बढ़ेंगे. फिर ट्रेन नागपुर से सांची के लिए रवाना होगी. जिसमें सांची के दर्शनीय स्थलों में सांची के स्तूप और अन्य बौद्ध स्थलों की यात्रा शामिल है.

सांची के बाद वाराणसी अगला गंतव्य होगा जहां सारनाथ और काशी विश्वनाथ मंदिर की यात्रा भी शामिल है. अगला और अंतिम गंतव्य स्थल है गया. वहां पर्यटकों को प्रसिद्ध महाबोधि मंदिर और अन्य मठों के दर्शन के लिए बोधगया के पवित्र स्थल पर ले जाया जाएगा. अन्य महत्वपूर्ण बौद्ध स्थलों राजगीर और नालंदा को भी सड़क मार्ग से कवर किया जाएगा. ये यात्रा अंत में नई दिल्ली में समाप्त होगी. पर्यटकों के पास दिल्ली, मथुरा और आगरा कैंट स्टेशनों पर ट्रेन में चढ़ने/उतरने का विकल्प होगा.

आईआरसीटीसी द्वारा डिज़ाइन की गई इस बाबा साहेब अंबेडकर यात्रा का उद्देश्य अंबेडकर के जीवन से जुड़े स्थानों और स्थलों को रेखांकित करना है. इस टूर पैकेज से जुड़ी अन्य जानकारी आईआरसीटीसी की वेबसाइट irctctourism.com पर उपलब्ध है.

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डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर, जिन्हें प्यार से बाबा साहेब कहा जाता है, वे भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता थे. इसके अलावा वे एक प्रसिद्ध न्यायविद, राजनीतिक कार्यकर्ता, मानवविज्ञानी, लेखक, वक्ता, इतिहासकार, अर्थशास्त्री और विद्वान भी थे. अंबेडकर ने अपने पूरे जीवन में अस्पृश्यता जैसी सामाजिक बुराइयों को मिटाने के लिए संघर्ष किया और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए खड़े हुए.

 

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