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इन रेलवे स्टेशनों पर जल्द शुरू होगा क्विक वाटरिंग सिस्टम, 24 कोच की ट्रेन में सिर्फ 8 मिनट में भर जाएगा पानी

पूर्व मध्य रेल के अधिकारियों की मानें तो बहुत ही जल्द इन सभी 12 स्टेशनों पर क्विक वाटरिंग सिस्टम की शुरुआत कर दी जाएगी. इस प्रणाली के उपयोग से 24 कोच वाली ट्रेन को पूरी तरह से पानी देने में लगभग 08 मिनट का समय लगता है. इससे मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के समय पालन में सुधार में भी सहायक है.

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Railway Quick Watering System
Railway Quick Watering System

भारतीय रेलवे एक तरफ जहां ट्रेनों को समयबद्ध तरीके से चलाने के लिए लगातार प्रयास करता रहता है तो वहीं, तकनीकी बदलाव भी करता रहता है. वहीं, दूसरी तरफ यात्री सुविधाओं के मद्देनजर भी भारतीय रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर में भी लगातार बढ़ोतरी करता रहता है. इसी क्रम में भारतीय रेलवे ने ट्रेनों में पानी भरने के लिए कई स्टेशनों पर क्विक वाटरिंग सिस्टम की शुरुआत की थी. ताकि ट्रेनों में त्वरित गति से पानी भरा जा सके और ट्रेनों को समय से आगे के लिए रवाना किया जा सके.

पूर्व मध्य रेलवे की बात करें तो पूर्व में रेल के क्षेत्राधिकार में आने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन सहित 12 बड़े स्टेशनों पर पहले से ही क्विक वाटरिंग सिस्टम की शुरुआत कर दी गई थी. जो क्रियाशील हैं और ट्रेनों में पानी भरने का काम इस सिस्टम से ही किया जा रहा है. इसके साथ ही 12 अन्य स्टेशनों पर भी क्विक वाटरिंग सिस्टम की शुरुआत होने जा रही है. पूर्व मध्य रेल के अधिकारियों की मानें तो बहुत ही जल्द इन सभी 12 स्टेशनों पर क्विक वाटरिंग सिस्टम की शुरुआत कर दी जाएगी.

जानिए क्या होता है क्विक वाटरिंग सिस्टम:

दरअसल, ट्रेनों के कोचों में त्वरित रूप से पानी भरने के लिए रेलवे स्टेशनों पर त्वरित जल प्रणाली (Quick Watering System) का प्रयोग किया जाता है. स्टेशन पर ट्रेनों के न्यूनतम दस मिनट तक ठहराव होने पर ट्रेनों में पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु त्वरित जल प्रणाली बहुत ही उपयोगी संयंत्र है. त्वरित जल प्रणाली की डिस्चार्ज दर अधिकतम 200 लीटर/मिनट है, जिसे आवश्यकतानुसार समायोजित किया जा सकता है.

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गौरतलब है कि त्वरित जल प्रणाली के उपयोग से न केवल पानी की बर्बादी पर नियंत्रण होता है बल्कि काफी कम समय में ट्रेन के कोचों में पानी भर दिया जाता है. जिससे पानी की बर्बादी पर रोक लगने से जल संरक्षण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में यह प्रणाली काफी उपयोगी साबित होती है.

इस तरह से काम करता है क्विक वाटरिंग सिस्टम:

त्वरित जल प्रणाली में तीन उच्च दबाव वाले पंप शामिल हैं. जो प्लेटफॉर्म पर हाइड्रेंट को पानी की आपूर्ति करते हैं. इस संयंत्र के संचालन के लिए इसमें अग्रिम स्वचालन और नियंत्रण प्रणाली भी है. जिसमें पंपों की क्रमिक शुरुआत के साथ-साथ प्रत्येक पंप के लिए परिवर्तनशील गति नियंत्रण शामिल है. इस सिस्टम का कंट्रोल रिमोट ऑपरेशन के लिए मोबाइल एप पर भी उपलब्ध है. इससे ट्रेनों में पानी भरने में लगने वाला समय पहले की व्यवस्था की तुलना में काफी कम हो जाता है. इस प्रणाली के उपयोग से 24 कोच वाली ट्रेन को पूरी तरह से पानी देने में लगभग 08 मिनट का समय लगता है. इससे मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के समय पालन में सुधार में भी सहायक है.

पूर्व मध्य रेल के इन स्टेशनों पर उपलब्ध है क्विक वाटरिंग सिस्टम

वर्तमान में पं. दीन दयाल उपाध्याय मंडल के पं0 दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन, धनबाद मंडल के धनबाद, बरकाकाना, चोपन तथा नेसुबो गोमो स्टेशन, दानापुर मंडल के पटना जंक्शन, सोनपुर मंडल के मुजफ्फरपुर तथा बरौनी रेलवे स्टेशन व समस्तीपुर मंडल के दरभंगा, सहरसा, जयनगर एवं नरकटियागंज रेलवे स्टेशनों पर यह सुविधा उपलब्ध है.

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इन स्टेशनों पर भी जल्द होगी शुरुआत

पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ सरस्वती चंद्र ने बताया कि उपरोक्त के अलावा पूर्व मध्य रेल के कुल 12 स्टेशनों पर त्वरित जल प्रणाली की स्वीकृति प्राप्त है. इसका कार्य प्रगति पर है जिसे शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि पूर्व मध्य रेल के  दानापुर मंडल के बक्सर, आरा, दानापुर, पाटलिपुत्र, इसलामपुर, बख्तियारपुर, किऊल एवं राजगीर, धनबाद मंडल के सिंगरौली, पं0 दीन दयाल उपाध्याय मंडल के गया तथा समस्तीपुर मंडल के सहरसा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 3, 4 और 5 तथा समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर त्वरित जल प्रणाली की लगाए जाने की स्वीकृति प्राप्त है. इसके अतिरिक्त समस्तीपुर मंडल के सीतामढ़ी और सोनपुर मंडल के न्यू बरौनी रेलवे स्टेशनों के लिए त्वरित जल प्रणाली की सुविधा भी प्रस्तावित है.

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