महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में भारतीय सेना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि लोकतंत्र को मजबूत करने में उसकी भूमिका कितनी अहम है. 20 नवंबर को हुए चुनाव में सेना ने नक्सल प्रभावित और दूरदराज के इलाकों में मतदान प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए जबरदस्त मेहनत की.
इस बार के चुनाव में चुनौती ये थी कि कई इलाके सड़क से जुड़े नहीं थे और कुछ नक्सल गतिविधियों से प्रभावित थे. ऐसे में भारतीय सेना ने अपने एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (ALH) तैनात किए, ताकि चुनाव अधिकारियों, ईवीएम और जरूरी सामान को इन इलाकों तक पहुंचाया जा सके.
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17 से 20 नवंबर 2024 तक सेना और अन्य सुरक्षाबलों ने मिलकर 140 उड़ानें भरीं. कुल 77 घंटे की उड़ानों में 925 यात्री और 8,385 किलो सामान ले जाया गया. इसमें से सेना ने खुद 17 उड़ानें भरीं, करीब 22 घंटे तक उड़ान भरी और 124 यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाया.
चुनाव के बाद, 20 से 21 नवंबर तक सेना ने वापसी प्रक्रिया में भी मदद की. इस दौरान 9 उड़ानें भरी गईं, जिसमें 73 यात्रियों और 6,980 किलो सामान को वापस लाया गया.
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सेना ने महाराष्ट्र के वडसा से सावरगांव (165 किमी), ग्यारापट्टी (70 किमी), मुरमगांव (68 किमी), और काटेजारी (50 किमी) जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों तक ईवीएम और चुनाव अधिकारियों को सुरक्षित पहुंचाया.
इस शानदार ऑपरेशन से साफ है कि भारतीय सेना सिर्फ सीमाओं की सुरक्षा ही नहीं करती, बल्कि देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने में भी पूरी ताकत झोंक देती है.
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बता दें कि महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आए थे. चुनाव नतीजों में भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाले सत्ताधारी महायुति गठबंधन को बड़ी जीत के साथ सरकार बनाने का जनादेश मिला है. सूबे की कुल 288 विधानसभा सीटों में से 233 सीटों पर महायुति को जीत मिली है. महाराष्ट्र चुनाव में विरोधी पार्टी विपक्ष का नेता पद पाने के लिए जरूरी 29 सीट के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच सकी.