भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात के बीच अब पानी के मोर्चे पर भी भारत ने सख्त रुख अपनाया है. जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के चलते चिनाब नदी पर बने सलाल डैम और बगलिहार डैम के कई गेट खोल दिए गए हैं, जिससे पाकिस्तान की ओर बहने वाले पानी का प्रवाह तेज हो गया है. सुबह 8:15 बजे रामबन में चेनाब नदी पर बने बगलिहार हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट बांध का गेट खोला गया है.
एजेंसी के अनुसार, कुछ दिन पहले ही भारत ने पाकिस्तान की ओर बहने वाले पानी को रोकने के लिए सलाल और बगलिहार डैम के गेट बंद कर दिए थे. इससे चिनाब नदी का जलस्तर पाकिस्तान में काफी कम हो गया था. जहां पहले पानी 25 से 30 फीट तक होता था, वहीं अब यह घटकर सिर्फ 2 से 3 फीट पर पहुंच गया था, लेकिन अब भारी वर्षा और जलाशयों के भर जाने के बाद भारत ने गेट खोल दिए हैं, जिससे पाकिस्तान की ओर भारी मात्रा में पानी का बहाव हो रहा है.
भारत के इस कदम से पाकिस्तान की पहले से ही कमजोर अर्थव्यवस्था और कृषि व्यवस्था पर और अधिक दबाव बढ़ गया है. जानकारों का कहना है कि बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है.
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भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हुई सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को विश्व बैंक ने मध्यस्थता के जरिए लागू कराया था. इस संधि के तहत भारत को पूर्वी नदियों (सतलुज, रावी, ब्यास) का और पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) का अधिकार मिला था, लेकिन हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने इस संधि को रद्द करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं.
भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पीओके में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमलों के बाद पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल जैसे संगठनों के ठिकानों को सटीक हमलों से ध्वस्त किया गया. इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर के सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना की तत्परता और S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने सभी हमलों को विफल कर दिया.