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बढ़ती उम्र को थामने का 'वो' फॉर्मूला... जिसे हार्वर्ड के प्रोफेसर ने समझाया

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दूसरे दिन हार्वर्ड मेडिसिन स्कूल के प्रोफेसर डेविड सिंक्लेयर (David Sinclair) ने कहा कि विज्ञान अब एक ऐसे स्तर तक पहुंच गया है, जहां हम समझ गए हैं कि एज रिवर्सल क्या होती है. जीन्स (Genes) हमारी उम्र तय करते हैं. हमारे शरीर में मौजूद कोशिकाओं में हमें युवा बनाए रखने का बैकअप है और हमने विज्ञान के जरिए इसका इस्तेमाल करना सीख लिया है.

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हार्वर्ज मेडिसिन स्कूल के प्रोफेसर डेविड सिंक्लेयर
हार्वर्ज मेडिसिन स्कूल के प्रोफेसर डेविड सिंक्लेयर

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दूसरे दिन हार्वर्ड मेडिसिन स्कूल के प्रोफेसर डेविड सिंक्लेयर (David Sinclair) ने रिवर्स एजिंग (Reverse Ageing) पर खुलकर चर्चा की. उन्होंने इस सत्र में बुढ़ापे को मात देने और हमेशा जवान बने रहने के फॉर्मूले पर बात करते हुए बताया कि विज्ञान की मदद से अब इंसान अपनी मौत की तरीख खुद तय करने में सक्षम हो सकेगा. इस तरह इंसान को जल्द ही झुर्रियों, बुढ़ापे की दिक्कतों और बीमारियों से निजात मिल सकेगी. इस सत्र की मॉडरेटर इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी थीं.

आर्किटेक्ट ऑफ एज रिवर्सल के नाम से पहचाने जाने वाले डॉ. सिंक्लेयर ने कहा कि विज्ञान अब एक ऐसे स्तर तक पहुंच गया है, जहां हम समझ गए हैं कि एज रिवर्सल क्या होती है. तकनीक तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है. दरअसल जीन्स (Genes) हमारी उम्र तय करते हैं और हममें से अधिकतर लोग परफेक्ट जीन्स के साथ पैदा नहीं होते. हमारे शरीर में मौजूद कोशिकाओं में हमें युवा बनाए रखने का बैकअप है और हमने विज्ञान के जरिए इसका इस्तेमाल करना सीख लिया है. रिवर्स एज और बायो स्विच की तकनीक हमारी उम्मीदों से कहीं तेजी से विकसित हो रही है. 

उन्होंने कहा कि आज से 20 साल पहले जब हम रिवर्स एजिंग या इंसान के कभी बूढ़ा नहीं होने की बात करते थे तो इसे पागलपन समझा जाता था. लेकिन आज हम इसका महत्व समझ गए हैं कि हमें जवान बनाए रखने का फॉर्मूला हमारे शरीर में ही मौजूद है. इसका इस्तेमाल कैसे करना है, ये हमने यह सीख लिया है.

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इंसान अपनी मौत की तारीख खुद तय करेगा

एंटी एजिंग रिसर्चर सिंक्लेयर ने कहा कि हमने अपनी स्टडी में यह पाया है कि हमारे शरीर में मौजूद जीन्स (Genes) हमारी उम्र तय करते हैं. कुछ लोगों के शरीर में बेहतरीन जीन्स होते हैं इस वजह से वे 100 साल या उससे अधिक सालों तक जिंदा रह पाते हैं. 

उन्होंने बताया कि बढ़ती उम्र को रोक देने या कभी बूढ़े नहीं होने के लिए यह जरूरी है कि हम यह समझ लें कि हमें क्या खाना है, कैसे खाना है, कब खाना है, कब सोना है, कितना आराम करना है. बढ़ती उम्र को रोक देना आसान है लेकिन इसके लिए हमें हमारे शरीर को कंफर्टेबल अवस्था से बाहर निकालना होगा. हम अपने शरीर को जितना अनकंफर्टेबल सिचुएशन में रखेंगे, उतना हमें फायदा मिलेगा. मसलन, भरपेट भोजन करने से बचना होगा, शुगर और हाई कैलोरी प्रोडक्ट से दूरी बनानी होगी और शराब से दूर रहना होगा. 

उन्होंने कहा कि मैं समय के साथ भोजन स्किप करना सीख गया हूं. अब मेरा उद्देश्य एक साथ भरपेट भोजन करना नहीं है. मैं हफ्ते में एक बार भरपेट खाना खाता हूं. शुगर टॉक्सिक होता है. इसे छोड़ दें. अमूमन हम दिन में तीन बार भोजन करते हैं, जो रिवर्स एजिंग के लिए सही नहीं है. दिन में दो बार ही खाना खाएं. नियमित तौर पर एक्सरसाइज करें. स्ट्रैचिंग, मेडिटेशन और योगा को रोजमर्रा की दिनचर्या में शामिल कर लें. 

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जवान रहने के लिए डाइट

वह बताते हैं कि हमें भरपेट भोजन करने से बचना होगा. जितना हो सके कम खाना खाएं. अमूमन हम दिन में तीन बार भोजन करते हैं लेकिन इस प्रैक्टिस से बचें. हो सके तो दिन में दो बार ही भोजन करें. दो बार भोजन भी भरपेट नहीं करना है. हो सके तो बीच-बीच में हेल्दी स्नैक्स ले लें. हाई कैलोरी और हाई प्रोटीन भोजन से दूरी बनाएं. शुगर शरीर के लिए टॉक्सिक है. प्लांट बेस्ड डाइट सबसे उपयुक्त है. वीगन डाइट और रेड वाइन का सेवन करें. मैं खुद प्लांट बेस्ड भोजन करता हूं और मुझे इसके अच्छे रिजल्ट मिले हैं, मेरी स्किन बेहतर हो गई है, मेरी मेमोरी पावर भी बढ़ी है. यह समझ लें कि दिन में तीन बार भोजन करना और बीच-बीच में स्नैक्स लेते रहने की आदत हमें तेजी से बूढ़ा बना रही है.

उन्होंने बताया कि पौधों में मौजूद प्रोटीन में अमीनो एसिड होता है, जो लंबा जीवन जीने में मदद करता है इसलिए लंबी उम्र के लिए प्लांट बेस्ड फूड से बेहतर कुछ नहीं है.

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