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Rainfall Alert: अभी जमकर बरसेगा मॉनसून, अगस्त-सितंबर के लिए IMD ने जारी किया अलर्ट, जानें कहां होगी कितनी बारिश

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत के आसपास के इलाकों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में अगस्त में सामान्य बारिश दर्ज होने की संभावना है. वहीं, सितंबर में बारिश सामान्य से अधिक होने की संभावना है.

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Commuters during rainfall, in New Delhi (PTI File Photo)
Commuters during rainfall, in New Delhi (PTI File Photo)

मॉनसून ने इस साल समय से पहले दस्तक दी और फिर जगह-जगह जमकर बरसात हुई. अब मौसम विभाग का कहना है कि भारत में मॉनसून सीजन के दूसरे भाग (अगस्त और सितंबर) में सामान्य से ज्यादा बारिश होगी.

अगस्त में सामान्य सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत के आसपास के इलाकों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में अगस्त में सामान्य बारिश दर्ज होने की संभावना है. वहीं, सितंबर में बारिश सामान्य से अधिक होने की संभावना है. उन्होंने कहा, "कुल मिलाकर, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सीजन के दूसरे भाग के दौरान देशभर में सामान्य से अधिक बारिश (422.8 मिमी की दीर्घावधि औसत का 106 प्रतिशत) होने की संभावना है."

इन इलाकों में सामान्य से कम बारिश

"भौगोलिक दृष्टि से देश के अधिकांश भागों में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है, सिवाय पूर्वोत्तर के कई भागों और पूर्वी भारत के समीपवर्ती क्षेत्रों, मध्य भारत के कुछ अलग-थलग क्षेत्रों और प्रायद्वीपीय भारत के दक्षिण-पश्चिमी भागों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है." यानी अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम के कई भागों, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना के समीपवर्ती क्षेत्रों, महाराष्ट्र,गोवा, कर्नाटक केरल के दक्षिण-पश्चिमी भागों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है. इसके अलावा देश के अन्य इलाकों में सितंबर महीने में जमकर बरसात होने के आसार हैं.

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जून-सितंबर की बारिश पर निर्भर खेती

बता दें कि देश में मॉनसून सीजन के पहले भाग यानी जून और जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश हुई और कुछ राज्यों, विशेषकर हिमाचल प्रदेश में अचानक बाढ़ आई. मॉनसून भारत की लगभग 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा है, जो खेतों को पानी उपलब्ध कराने तथा जलभृतों और जलाशयों को भरने के लिए 70% तक भूमिका निभाता है.

भारत की लगभग आधी कृषि भूमि फसल वृद्धि के लिए जून-सितंबर के मॉनसून की बारिश पर निर्भर है. किसान आमतौर पर मॉनसून की बारिश के बाद चावल, मक्का, कपास, सोयाबीन और गन्ना जैसी ग्रीष्मकालीन फसलों की बुवाई शुरू करते हैं.

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