भारत-पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए सैन्य तनाव के बाद PAK की न्यूक्लियर फैसिलिटी किराना हिल्स से रेडिएशन लीक की अटकलों के बीच, इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के किसी भी परमाणु केंद्र से रेडिएशन रिसाव की कोई घटना नहीं हुई.
IAEA के एक प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया, 'आप जिन रिपोर्टों का उल्लेख कर रहे हैं, हमें उनके बारे में जानकारी है. IAEA के पास उपलब्ध जानकारी के आधार पर पाकिस्तान में किसी भी परमाणु केंद्र से रेडिएशन रिसाव या उत्सर्जन की कोई घटना नहीं हुई है.'
क्या है IAEA
इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (International Atomic Energy Agency-IAEA) एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो न्यूक्लियर एनर्जी के शांतिपूर्ण इस्तेमाल को बढ़ावा देने और न्यूक्लियर (परमाणु) हथियारों के प्रसार को रोकने के लिए काम करता है. इसकी स्थापना 29 जुलाई 1957 को हुई थी और इसका मुख्यालय वियना, ऑस्ट्रिया में है. IAEA संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध है और दुनिया भर के 178 देश इसके सदस्य हैं. इसके इतर रेडिएशन से संबंधित घटनाओं और इमरजेंसी स्थिति से निपटने के लिए IAEA ने साल 2005 में इंसिडेंट एंड इमरजेंसी सेंटर (Incident and Emergency Centre) का गठन किया था.
वहीं, वाशिंगटन डीसी में 13 मई को अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रेस ब्रीफिंग में इस मुद्दे पर सवाल किया गया तो प्रिंसिपल डिप्टी प्रवक्ता थॉमस पिगॉट से भी इसी विषय पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, इस वक्त मेरे पास इस पर पूर्वावलोकन करने के लिए कुछ नहीं है.
'हमने किराना हिल्स पर नहीं किया हमला'
भारतीय एयरफोर्स के DG एयर ऑपरेशन्स एयर मार्शल ए.के. भारती ने सोमवार को साफ कहा था कि भारत ने पाकिस्तान के किराना हिल्स में किसी भी टारगेट को निशाना नहीं बनाया है.
प्रेस ब्रीफिंग में एक खास सवाल के जवाब में एयर मार्शल भारती ने कहा, 'हमें ये बताने के लिए धन्यवाद कि किराना हिल्स में कुछ परमाणु प्रतिष्ठान हैं. हमें इसके बारे में पता नहीं था. हमने किराना हिल्स पर हमला नहीं किया है. मैंने कल अपनी ब्रीफिंग में इस बारे में जानकारी नहीं दी थी.'
क्या बोले MEA प्रवक्ता
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा परमाणु वॉर की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोमवार को कहा था, 'सैन्य कार्रवाई पूरी तरह से पारंपरिक क्षेत्र में थी. ऐसी कुछ रिपोर्टें थीं कि पाकिस्तान की नेशनल कमांड अथॉरिटी 10 मई को बैठक करेगी, लेकिन बाद में उन्होंने इसका खंडन किया. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने खुद रिकॉर्ड पर परमाणु एंगल से इनकार किया है.'
उन्होंने आगे कहा, 'भारत का रुख स्पष्ट है कि हम परमाणु ब्लैकमेल को स्वीकार नहीं करेंगे और न ही सीमा पार आतंकवाद को परमाणु हथियारों का हवाला देकर बर्दाश्त करेंगे.'
कई पाकिस्तानी शहर में दिखे ड्रोन
पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने 10 मई को रावलपिंडी में एक मीडिया ब्रीफिंग में बताया था कि भारत ने पाकिस्तान वायु सेना (पीएएफ) के तीन ठिकानों- नूर खान, मुरीद और शोरकोट पर हवाई हमले किए हैं. हालांकि, बाद में 14 मई को ISPR ने बताया कि रावलपिंडी, गुजरात, अट्टक, गुजरांवाला, लाहौर, शेखुपुरा, ननकाना, घोटकी और कराची के मलीर जिले समेत कई पाकिस्तानी शहरों में ड्रोन देखे गए थे.
हर साल जानकारी साझा करते हैं भारत-PAK
आपको बता दें कि भारत-पाकिस्तान एक समझौते के तहत एक जनवरी को अपने-अपने राजनयिक चैनलों को जरिए परमाणु प्रतिष्ठानों और फैसिलिटी की एक लिस्ट का आदान-प्रदान करते है. ये आदान-प्रदान 'परमाणु प्रतिष्ठानों और फैसिलिटी पर हमले के निषेध के समझौते' के तहत किया गया, जिस पर 31 दिसंबर 1988 को हस्ताक्षर हुए थे और ये 27 जनवरी 1991 को लागू हुआ था. इस समझौते के अनुसार, दोनों देशों के बीच पहला आदान-प्रदान 1 जनवरी 1992 को हुआ था.