संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भारत को हिंदू राष्ट्र बताया और हिंदुओं को एकजुट होने और संगठित होने की नसीहत दी. इसके अलावा योगी और मोदी भी इस तरह एकजुट होने का बयान दे चुके हैं. सवाल ये उठ रहा है कि बार-बार बीजेपी ऐसी नसीहत क्यों दे रही है? क्या विपक्ष वाकई हिंदुओं का बांटने की कोशिश कर रहा है?
सोमवार को आजतक के खास शो हल्ला बोल में अंजना ओम कश्यप ने कांग्रेस प्रवक्ता अभय दुबे से पूछा कि हिंदुओं को एकजुट होने के लिए कहा जाए तो ये सांप्रदायिक क्यों है? इस सवाल के जवाब में अभय दुबे ने कहा कि RSS के लिए हिंदू केवल सत्ता पाने का जरिया है. BJP और RSS हिंदुओं की पीठ पर पैर रखकर सत्ता तक काबिज होना चाहते हैं. भाजपा की आज पीड़ा यह है कि राहुल गांधी ने दलित अस्मिता का सवाल उठाया और वे इस मुद्दे को उठाकर दलितों को सामने लाए.
उन्होंने कहा कि भाजपा इसलिए षड्यंत्र कर रही है कि जातिगत जनगणना न कराना पड़े. अभय दुबे ने कहा कि भाजपा और मोहन भागवत बताएं कि दिल्ली की चौखट पर आए 15 करोड़ लोग अपने फसलों का दाम मांगने आए थे, क्या वे हिंदू नहीं थे? लखमीपुर के मैदान में जीप से रौंदकर जिन्हें मारा गया वो हिंदू नहीं थे. ये सवाल तब क्यों नहीं पूछा गया.
भाजपा 240 सीटों पर आती है तो हिंदुओं की बात करती है
उन्होंने कहा कि एक धन्नासेट 1600 करोड़ रोज कमाता रहा, तब किसानों की आमदनी 27 रुपए हो गई. जब अग्निवीर के नाम पर हिंदू समाज के लोगों का दमन किया गया, तब उनको चार साल में रिटायर का प्लान बनाया, तब हिंदू अस्मिता का सवाल नहीं किया गया. हिंदू की बात भाजपा और RSS तब करते हैं जब लोकसभा चुनाव में 240 सीटों पर आ जाते हैं. जब चुनाव हारने की आशंका सामने आती है तब आपको हिंदू याद आते है.
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी पाकिस्तान दिवस पर पाकिस्तान को बधाई देते हैं. हिंदुओं से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है. हिंदू समाज ये समझ गया है कि एकसाथ रहेंगे तो हमारी प्रगति होगी और अगर बांटा जाएगा तो भाजपा को इसका फायदा मिलेगा.