गुजरात (Gujarat) का गौरव 'एशियाई शेर' कई साल से सौराष्ट्र क्षेत्र के 'गिर संरक्षित इलाके' में ही रहते देखे गए हैं. राज्य सरकार इन शेरों और जंगली जानवरों के संरक्षण के लिए पूरी तरह से काम कर रही है. एशियाई शेरों के संरक्षण और प्रजनन के लिए केंद्र और गुजरात सरकार लगातार तमाम तरह की नई परियोजनाएं चला रही है. राज्य सरकार के अनुरोध से केंद्र सरकार ने 'गिर संरक्षित क्षेत्र' के आसपास के कुल 1,84,466.20 हेक्टेयर इलाके को 'पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र' घोषित करने के लिए एक प्रारंभिक अधिसूचना जारी की है.
जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक, अभयारण्य से घोषित पर्यावरण-संवेदनशील इलाके की न्यूनतम दूरी 2.78 किलोमीटर है और अधिकतम 9.50 किलोमीटर रखी गई है.
इको सेंसिटिव जोन में शामिल क्षेत्र
'इको-सेंसिटिव जोन' इलाके में कुल 17 नदियों के रिवर कोरीडोर और शेरों की आवाजाही वाले चार अहम कोरिडोर को शामिल किया है. इसके अलावा, जूनागढ़ जिले के जूनागढ़, विसावदर, मालिया हटिना और मेंदरडा तालुका के कुल 59 गांव, अमरेली जिले के धारी, खंभा और सावरकुंडला तालुका के 72 गांव और गिर-सोमनाथ जिले के ऊना, गिर-सोमनाथ, कोडिनार और तलाला तालुका के कुल 65 गांव शामिल किए गए हैं.
196 गांवों किया जाएगा शामिल
'गिर संरक्षित क्षेत्र' के आसपास पाए जाने वाले इन तीन जिलों के 196 गांवों के कुल 1,84,466.20 हेक्टेयर इलाके को शामिल किया गया है, जिसमें 24,680 हेक्टेयर वन क्षेत्र और 1,59,785.88 हेक्टेयर गैर-वन क्षेत्र हैं. इस क्षेत्र को पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र में शामिल करने से क्षेत्र में घूमने वाले सिंह परिवारों को विशेष सुरक्षा मिलेगी. इसके साथ ही इस नए पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र में अब तक संरक्षित क्षेत्र की सीमा घटकर 10 किलोमीटर रह जाएगी, जिससे अन्य विकासात्मक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके.
गुजरात में शेरों और जंगली जानवरों के लिए गिर राष्ट्रीय उद्यान, गिर, पाणिया और मितियाला अभयारण्यों का कुल क्षेत्रफल 1,468.16 वर्ग किमी आरक्षित है. केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के मुताबिक, इस संरक्षित क्षेत्र के आसपास 'इको-सेंसिटिव जोन' घोषित किया जाना होता है, वो जब तक नहीं होता. तब तक लगभग 10 किलोमीटर तक इको-सेंसिटिव जोन प्रभाव में था. राज्य सरकार के प्रस्ताव को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने हाल ही में इको-सेंसिटिव जोन की प्रारंभिक अधिसूचना जारी की है.
'गिर संरक्षित क्षेत्र' के आसपास के गांवों में पिछले 10 साल के शेरों की आवाजाही का विवरण, शेरों द्वारा किए गए शिकार, शेरों की आवाजाही के कोरीडोर और गिर नदी के कोरीडोर को ध्यानमें रखकर नया पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया है.