
यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और दिल्ली, मथुरा से लेकर आगरा तक कई निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. अगर जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा, तो हालात 2023 जैसे हो सकते हैं, जब बाढ़ का पानी ताजमहल की बाहरी दीवारों तक पहुंच गया था. सैटेलाइट तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि ताजमहल के पीछे बहने वाला यमुना का इलाका 193 मीटर से बढ़कर 558 मीटर तक फैल गया है.

बुधवार को आगरा में यमुना नदी का जलस्तर 493.5 फीट तक पहुंच गया, जो निचले बाढ़ स्तर 495 फीट के बेहद करीब है. ये हालात तब बने जब मथुरा के गोकुल बैराज से 1,39,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया.

अब जैसे-जैसे पानी का स्तर बढ़ रहा है, प्रशासन ने आगरा के 40 गांवों को हाई अलर्ट पर रखा है. खासतौर से दुर्गा घाट जैसे इलाकों को ज्यादा खतरा बताया जा रहा है. मथुरा की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है, जहां नदी किनारे बसे बस्तियों में पानी घुसने से बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं.

वहीं, दिल्ली में भी यमुना ने मंगलवार को खतरे के निशान 205.78 मीटर को पार कर लिया. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने खुद बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और लोगों को आश्वासन दिया कि सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है. हालांकि बुधवार सुबह नदी खतरे के निशान से थोड़ी नीचे बह रही थी, लेकिन हालात पर नजर रखी जा रही है क्योंकि सेंट्रल वाटर कमीशन ने चेतावनी दी है कि ऊपरी इलाकों में भारी बारिश और हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी के कारण जलस्तर 206 मीटर तक पहुंच सकता है. दिल्ली के यमुना बाजार जैसे निचले इलाकों पर बाढ़ का असर अब दिखने भी लगा है