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4 महीने की इस भारतीय बच्ची का हुनर जान चौंक जाएंगे आप, नोबेल वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया नाम

चार साल की कैवल्या की अनोखी क्षमता को सबसे पहले उसकी मां ने पहचाना. बाद में कैवल्या की फैमिली ने उसकी अनोखी काबिलियत का एक वीडियो रिकॉर्ड कर नोबेल वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के लिए भेज दिया.

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रमेश और हेमा की बेटी कैवल्या.
रमेश और हेमा की बेटी कैवल्या.

आंध्र प्रदेश के नंदीगाम शहर से एक दिल को छू लेने वाली बात सामने आई है. यहां रहने वाली केवल 4 महीने की एक बच्ची ने, जिसका नाम कैवल्या है, एक ऐसा रिकार्ड बना दिया है जिसके बारे में हर कोई बात कर रहा है. इसकी चर्चा न केवल देश में, बल्कि पूरी दुनिया में हो रही है.   
 
इसलिए हो रही है चर्चा

दरअसल रमेश और हेमा की बेटी कैवल्या में एक विशेष प्रतिभा है. केवल 4 महीने की उम्र में कैवल्या 120 अलग-अलग चीजों की को पहचान सकती है. वो जिन चीजों को देखकर पहचान सकती है उसमें पक्षियों, सब्जियों से लेकर जानवरों और यहां तक कि तस्वीरें तक शामिल है. कुल मिलकर कहा जाए तो महज चार साल की बच्ची में इतनी सारी चीजों को पहचान लेने की असाधारण क्षमता है. 

ऐसे आया दुनिया के सामने

कैवल्या की इस अनोखी क्षमता को सबसे पहले उसकी मां हेमा ने पहचाना. जब हेमा ने अपनी बेटी के इस अनूठे कौशल को देखा तो सोचा कि क्यों न इसे पूरी दुनिया के साथ साझा किया जाए. इसके बाद कैवल्या की फैमिली ने उसकी इस अनोखी काबिलियत का एक वीडियो रिकॉर्ड किया और बाद में उसे नोबेल वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के लिए भेज दिया.   

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नोबेल वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के लोग भी हुए चकित 

परिवार ने बताया कि नोबेल वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के लोग भी बाकी अन्य लोगों की तरह कैवल्या के इस प्रतिभा को देखकर चकित थे. उन्होंने चार महीने के इस बच्ची के वीडियो को ध्यान से देखा, कैवल्या की प्रतिभा का परीक्षण किया, और फिर निर्णय लिया कि वह इसके लिए एक विशेष सर्टिफिकेट की हकदार है. इसका मतलब है कि चार महीने की कैवल्या अब आधिकारिक तौर पर एक विश्व रिकॉर्ड होल्डर है. 

रमेश और हेमा की बेटी कैवल्या.

कैवल्या की मां ने अपने बच्चे के इस अनूठे कौशल देखकर सोच कि इसे साझा करना बहुत अच्छा रहेगा. इसके बाद ही कैवल्या के परिवार को उसका वीडियो रिकॉर्ड करने का ख्याल आया और फिर इसे नोबेल वर्ल्ड रिकॉर्ड्स को भेजा. 

औरों को भी करेगा प्रेरित

कैवल्या के पेरेंट्स रमेश और हेमा बहुत खुश हैं. उन्होंने लोगों को कैवल्या को मिले समर्थन के लिए धन्यवाद कहा. साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई है कि कैवल्या की कहानी से अन्य माता-पिता प्रभावित होंगें और अपने बच्चों की विशेष प्रतिभाओं को पहचानने और उसे दुनिया के सामने लाकर उसका जश्न मनाने के लिए प्रेरित होंगें. 

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