पिछले कई हफ्तों चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की तरफ से समाधान के लिए एक समाधान प्रस्ताव सौंपा गया है. छह सदस्यों वाली कमेटी की तरफ से आठ बिंदुओं वाला यह प्रस्ताव किसान नेताओं को सौंपा गया है. यह प्रस्ताव ऐसे समय में आया है, जब किसान आंदोलन को तीन मार्च तक के लिए रोक दिया गया है. यह प्रस्ताव किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के किसान नेताओं को भी दिया गया है. इस प्रस्ताव को एक ऐसे दृष्टिकोण के तौर पर बताया जा रहा है, जो संघर्ष का एक सही आधार और रास्ता मुहैया करवाने वाला है.
कमेटी की तरफ से जिन 8 बिंदुओं को इसमें शामिल किया गया है, वो साल 2020-2021 के दौरान हुए किसान प्रदर्शन के अहम तत्वों पर आधारित हैं.
प्रस्ताव में कौन से बिंदु शामिल है?
इन बिंदुओं में तालमेल पर आधारित संगठनिक ढांचा, संघर्ष की मांगों को ध्यान में रखना, केंद्र सरकार को संघर्ष का मुख्य निशाना बनाना, देशभर के किसानों विशेषकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों की भागीदारी, दिल्ली कूच के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से रास्ता रोकने की तरकीबों का ठंडे दिमाग से समाधान निकालना, अनुशासन में रहकर प्रदर्शन को आगे बढ़ाना, साल 2021 में भड़काऊ शक्तियों की हुई हार के अलावा सफल एकजुट किसान संघर्ष का जिक्र किया गया है.
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युवा किसान की मौत के मामले में हुआ एक्शन
MSP और अन्य मांगों को लेकर किसानों के प्रदर्शन के दौरान पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर शुभकरण नाम के एक युवा किसान की मौत हो गई थी. गुरुवार को इस मामले में पंजाब पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पुलिस ने हत्या और अपराध के लिए उकसाने को लेकर मामला दर्ज किया है.
शुभकरण के परिवार वालों ने पंजाब सरकार के सामने मांग रखी थी कि जब तक भगवंत मान सरकार शुभकरण के हत्यारों को सजा नहीं देगी, तब तक उसका अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा.
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किसान आंदोलन के मुद्दे पर पंजाब विधानसभा में हंगामा
पंजाब विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही के पहले दिन शनिवार को किसान आंदोलन के मुद्दे पर जबरदस्त हंगामा हुआ था. कांग्रेस विधायकों ने किसान आंदोलन और शुभकरण की मौत का मामला उठाया और जमकर नारेबाजी की. इस बीच गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित अपना अभिभाषण भी नहीं पढ़ पाए.