22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. मंदिर उद्घाटन से पहले अयोध्या सहित पूरे देश में उत्सव का माहौल है. इस बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर भगवान राम को लेकर बयान दिया है. अब्दुल्ला ने कहा कि क्या राम सिर्फ हिंदुओं, RSS और BJP के भगवान हैं? भगवान राम सबके हैं. भगवान राम हमारे हृदय में, कण-कण में बसे हैं, लेकिन हम उन्हें पहचान नहीं पा रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'क्या राम सिर्फ हिंदुओं, RSS और BJP के भगवान हैं? क्या राम सिर्फ अयोध्या में हैं? और वहां जाने के लिए क्या आपको निमंत्रण की जरूरत है? भगवान राम सबके हैं. जम्मू-कश्मीर सहित हर जगह राम मंदिर हैं. भगवान राम हमारे हृदय में, कण-कण में बसे हैं, लेकिन हम उन्हें पहचान नहीं पा रहे हैं. पहचान लेते तो नफ़रत न होती. महात्मा गांधी ने 'राम राज' कहा था, जिसका मतलब समानता था...'
'इंडिया ब्लॉक में सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया'
हाल ही में फारूक अब्दुल्ला ने इंडिया ब्लॉक को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि लोकसभा चुनाव नजदीक हैं, लेकिन इंडिया ब्लॉक में सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है. इसको लेकर जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने संकेत दिया है कि अगर सीट शेयरिंग पर गठबंधन में शामिल दलों के बीच सहमति नहीं बन पाती है तो ये अलायंस के लिए खतरा है.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था, अगर सीटों का बंटवारा जल्दी नहीं किया जाता है तो ये गठबंधन के लिए खतरा है. इसे समय रहते जल्दी कर लेना चाहिए. इंडिया ब्लॉक में शामिल दलों में जल्दी सहमति नहीं बनती है तो कुछ दल एक अलग ग्रुप बनाने की कोशिश कर सकते हैं, जो मुझे सबसे बड़ा खतरा लगता है, अभी भी समय है.
कई राज्यों में नहीं बन पाई सहमति
लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दल एकसाथ आने की कोशिश में लगे हुए हैं, इन दलों के बीच बातचीत का सिलसिला जारी है, लेकिन कई ऐसे राज्य हैं, जहां सीटों की शेयरिंग पर पेच फंसा हुआ है. पश्चिम बंगाल, पंजाब, दिल्ली, यूपी, बिहार और केरल समेत कई राज्यों में दलों के बीच सहमति नहीं बन पाई है.
बंगाल में सबसे मुश्किल है गठबंधन
इंडिया ब्लॉक के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल पश्चिम बंगाल है, जहां टीएमसी ने कांग्रेस को सिर्फ दो सीट देने का प्रस्ताव रखा है. हालांकि कांग्रेस ने इस प्रस्ताव को नामंजूर किया है और अधीर रंजन चौधरी तो इस प्रस्ताव पर ममता बनर्जी पर भड़क गए. इसके अलावा गठबंधन में शामिल सीपीआई और सीपीआईएम को भी टिकट देनी होंगी, लेकिन इस पर अबतक कोई बात नहीं हो पाई है.