दिल्ली-एनसीआर में हर साल दिवाली के आसपास लोगों को प्रदूषण की मार झेलनी पड़ती है. ऐसे में राज्य सरकार द्वारा कई कदम उठाए जाते हैं ताकि प्रदूषण को कंट्रोल में रखा जा सके. हर साल पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामले भी सामने आते हैं जिसके कारण भी दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति खराब होती है. हालांकि, इस बार पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामले कम हुए हैं.
पराली जलाने के मामलों में 50 फीसदी तक की कमी
दोनों राज्यों में पराली जलाने के मामलों में 50 फीसदी तक की कमी दर्ज की गई है. पंजाब में इस साल (15 सितंबर से 24 अक्टूबर के बीच) पराली जलाने के 2,306 मामले दर्ज हुए हैं जबकि पिछले साल इसी समय 5617 मामले दर्ज किए गए थे. वहीं, 2020 और 21 में क्रमशः 14,805 और 6058 मामले दर्ज हुए थे. हरियाणा की बात करें तो 15 सितंबर से 24 अक्टूबर के बीच पराली जलाने के कुल 813 मामले दर्ज हुए जबकि पिछले साल इस दौरान 1360 मामले सामने आए थे. वहीं, 2020 और 2021 में क्रमशः 1617 और 1764 मामले दर्ज किए गए थे.
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दिवाली के आसपास दिल्ली में सताएगा स्मॉग
बता दें, हरियाणा में किसान 70 फ़ीसदी से ज्यादा फसल काट चुके हैं, लेकिन पंजाब में लगभग 40 फ़ीसदी फसल कटनी बाकी है. इस वजह से 27 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच पंजाब में पराली जलाने के ज्यादा मामले सामने आ सकते हैं, यानी दिवाली के आसपास दिल्ली और आसपास के इलाकों के निवासियों को स्मॉग परेशान कर सकता है.
उत्तर प्रदेश में पराली जलना पड़ेगा महंगा
उत्तर प्रदेश सरकार ने पराली जलाने से किसानों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं. गाजीपुर कृषि विभाग ने अपने जिले में पराली जलाने वाले किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की योजना से वंचित रखने का फैसला किया है. अन्य जिलों में भी कृषि विभाग पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए ऐसा ही कदम उठा रहा है.