scorecardresearch
 

दिल्ली को आज मिल सकता है नया मेयर, AAP-BJP के बीच फिर घमासान के आसार

दिल्ली नगर निगम अप्रैल 1958 में अस्तित्व में आया था. MCD ने 1860 के दशक में पुरानी दिल्ली में ऐतिहासिक टाउन हॉल से अपनी यात्रा शुरू की थी और अप्रैल 2010 में शानदार सिविक सेंटर कैंपस में पहुंच गया था. दिल्ली में पहली मेयर अरुणा आसफ अली की तस्वीरें आज भी टाउन हॉल में पुराने नगरपालिका भवन के कक्षों और सिविक सेंटर के कार्यालयों में लगी हैं.

Advertisement
X
दिल्ली नगर निगम की पहली बैठक में जमकर हंगामा हुआ. (फाइल फोटो)
दिल्ली नगर निगम की पहली बैठक में जमकर हंगामा हुआ. (फाइल फोटो)

दिल्ली में नगर निगम चुनाव के बाद मेयर और डिप्टी मेयर को लेकर AAP और BJP के बीच घमासान देखने को मिल रहा है. मंगलवार को एक बार फिर दिल्ली के मेयर के लिए बड़ा दंगल होने की संभावना है. आज होने वाली बैठक में निर्वाचित पार्षद सबसे पहले शपथ लेंगे. दिल्ली को आज महिला मेयर मिल सकती हैं. राष्ट्रीय राजधानी को 10 साल बाद पूरे शहर के लिए महिला मेयर मिलेगी. 1958 में दिल्ली नगर निगम का गठन हुआ था और उसी साल पहली मेयर के रूप में स्वतंत्रता सेनानी अरुणा आसफ अली चुनी गई थीं. जबकि लॉ स्कॉलर रजनी अब्बी 2011 में MCD के तीन हिस्सों में बंटवारे से पहले आखिरी मेयर थीं.

बता दें कि जनवरी 2012 में कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार ने दिल्ली नगर निगम को तीन हिस्सों में बांट दिया था. इसके बाद नॉर्थ दिल्ली (NDMC), साउथ दिल्ली (SDMC) और ईस्ट दिल्ली (EDMC) नगर निगम बन गई थी. प्रत्येक का अपना महापौर होता था. हालांकि, पिछले साल फिर से तीनों को एक कर दिया गया है और दिल्ली नगर निगम (MCD) फिर से अस्तित्व में आ गया है. दिल्ली के मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव 6 जनवरी को होना था. लेकिन हंगामे के चलते बैठक स्थगित हो गई थी. अब MCD की दूसरी मीटिंग मंगलवार को होने जा रही है.

पहली मेयर महिला चुनी जाएगी

एमसीडी के सदन का कार्यकाल पांच साल का होता है, लेकिन मेयर का कार्यकाल एक साल के लिए होता है. एमसीडी एक्ट के तहत पहले साल महिला पार्षद को मेयर चुने जाने का प्रावधान है, जबकि डिप्टी मेयर के मामले में कोई नियम नहीं है. इसके बाद दूसरे साल मेयर का पद सामान्य होता है, जिसमें कोई भी पार्षद चुना जा सकता है, लेकिन तीसरे साल मेयर पद दलित समुदाय के लिए रिजर्व होता है. ऐसे में दलित समाज से आने वाला कोई भी पार्षद मेयर चुना जा सकता है, लेकिन चौथे और पांचवें साल मेयर का पद अनारक्षित होता है. एमसीडी की सबसे अधिकार वाली स्थायी समिति के अध्यक्ष पर आरक्षण का प्रावधान नहीं है. इस तरह दिल्ली को इस साल एक महिला मेयर मिलेगी.

Advertisement

अरुणा आसफ के नाम पर सड़क का भी नाम

बताते चलें कि दिल्ली नगर निगम अप्रैल 1958 में अस्तित्व में आया था. MCD ने 1860 के दशक में पुरानी दिल्ली में ऐतिहासिक टाउन हॉल से अपनी यात्रा शुरू की थी और अप्रैल 2010 में शानदार सिविक सेंटर कैंपस में पहुंच गया था. दिल्ली में पहली मेयर अरुणा आसफ अली की तस्वीरें आज भी टाउन हॉल में पुराने नगरपालिका भवन के कक्षों और सिविक सेंटर के कार्यालयों में लगी हैं. शहर की एक प्रमुख सड़क का नाम भी उनके नाम पर रखा गया है.

'दिल्ली के लिए सौभाग्य की बात है'

उत्तरी दिल्ली के पूर्व मेयर और भाजपा के वरिष्ठ नेता जय प्रकाश ने कहा कि यह दिल्ली के लोगों के लिए सौभाग्य की बात है कि अब फिर से पूरे शहर के लिए एक मेयर होगा. उन्होंने बताया कि अरुणा आसफ अली दिल्ली की पहली मेयर थीं और रजनी अब्बी 2012 में एमसीडी के तीन हिस्सों में बंटवारा होने तक आखिरी मेयर थीं. अब 10 साल बाद फिर से एक महिला मेयर होंगी. यह दोनों के लिए बड़े सौभाग्य की बात है. शहर के साथ-साथ वह व्यक्ति जो दिल्ली का मेयर बनेगा.

2011 में कांग्रेस को हराकर जीती थीं रजनी अब्बी

Advertisement

अप्रैल 2011 में बीजेपी की उम्मीदवार रजनी अब्बी ने कांग्रेस की सविता शर्मा को 88 वोटों से हराया था और दिल्ली की मेयर चुनी गईं थीं. अब्बी तब दिल्ली विश्वविद्यालय में कानून की प्रोफेसर थी और वर्तमान में विश्वविद्यालय के डीन के रूप में कार्यरत हैं. तीन हिस्सों में बंटने के बाद 2012 में तीनों निगमों NDMC, SDMC और EDMC के लिए महापौर के चुनाव हुए थे. अप्रैल 2012 में मीरा अग्रवाल को तत्कालीन नवनिर्मित MDMC के मेयर के रूप में निर्विरोध चुना गया था, जबकि उनकी पार्टी के सहयोगी आजाद सिंह डिप्टी मेयर बने थे. मई 2012 में अन्नपूर्णा मिश्रा को सर्वसम्मति से पूर्वी दिल्ली का मेयर चुना गया, जबकि उनकी पार्टी की सहयोगी उषा शास्त्री डिप्टी मेयर बनीं.

2012 में बीजेपी की सविता दक्षिण दिल्ली की मेयर बनी थीं

इसके अलावा मई 2012 में एक कड़े मुकाबले में भाजपा की सविता गुप्ता को दक्षिण दिल्ली के पहले मेयर के रूप में चुना गया था. गुप्ता, अमर कॉलोनी की तत्कालीन पार्षद थीं. उन्होंने 66 वोट हासिल किए थे और राकांपा की फूलकली को 20 मतों के अंतर से हराया था. जबकि बसपा के बीर सिंह डिप्टी मेयर पद के लिए मदनपुर खादर से निर्विरोध पार्षद निर्वाचित हुए थे.

AAP और BJP के बीच मुकाबला

Advertisement

निकाय चुनाव के बाद दूसरी बार सदन की की बैठक 24 जनवरी को होने जा रही है. मेयर चुनाव में आप की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय हैं. जबकि बीजेपी की रेखा गुप्ता उम्मीदवार हैं. डिप्टी मेयर के लिए बीजेपी से कमल बागड़ी और AAP से आले मोहम्मद इकबाल उम्मीदवार हैं. स्टैंडिंग कमेटी के 6 सीटों पर सात उम्मीदवार हैं. इनमें बीजेपी से कमलजीत शेहरावत, गजेन्द्र दराल और पंकज लूथरा का नाम है. AAP से आमिल मलिक, रमिंदर कौर, मोहिनी जीनवाल और सारिका चौधरी का नाम है.

AAP ने हासिल किया है बहुमत

आम आदमी पार्टी (आप) ने 134 वार्ड जीतकर चुनाव जीता और नगर निकाय में भाजपा के 15 साल के शासन को समाप्त कर दिया था. भाजपा ने 104 वार्ड जीतकर दूसरा स्थान हासिल किया था. जबकि कांग्रेस ने 250 सदस्यीय नगरपालिका सदन में 9 सीटों पर जीत हासिल की. 

पिछले साल हुआ था एकीकरण

तीन निगमों को एमसीडी में एकीकृत करने के बाद नए परिसीमन की कवायद की गई. 2012 में वार्डों की कुल संख्या 272 थी, जिसे घटाकर 250 कर दिया गया. 4 दिसंबर को निकाय चुनाव हुआ और AAP ने बंपर जीत हासिल की. आप ने 134 सीटें जीती थीं. जबकि बीजेपी ने 104 सीटों पर जीत हासिल की थी. वोटों की गिनती 7 दिसंबर को हुई थी. पिछले साल उत्तरी दिल्ली नगर निगम (104 वार्ड), दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (104 वार्ड) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (64 वार्ड) का एकीकरण हुआ था. केंद्र ने एकीकरण के लिए एक कानून लाया था. 

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement