दिल्ली हाई कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले ईमेल मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. बीती रात केस दर्ज होने के बाद अब साइबर सेल ईमेल के सोर्स और इसे भेजने वाले की पहचान करने में जुट गई है. इसी तरह मुंबई के बॉम्बे हाई कोर्ट को मिले धमकी भरे ईमेल पर भी पुलिस ने मामला दर्ज किया है. आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में अज्ञात आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 353(1) और 353(2) के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. अधिकारी अब ईमेल की तकनीकी जांच कर रहे हैं.
पहले दिल्ली हाई कोर्ट को मिली धमकी
शुक्रवार सुबह दिल्ली हाई कोर्ट की आधिकारिक मेल आईडी पर धमकी भरा मैसेज आया था. इसमें दावा किया गया कि जजों के चैंबर में विस्फोटक रखे गए हैं और जुमे की नमाज के बाद धमाका होगा. ईमेल सामने आते ही सुरक्षा एजेंसियां हरकत में आ गईं. कोर्ट परिसर तुरंत खाली कराया गया और सुनवाई कर रही कई बेंचों को बीच में रोकना पड़ा. बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वाड ने घंटों तलाशी ली लेकिन कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला.
फिर बॉम्बे हाई को आया मेल
कुछ ही घंटे बाद बॉम्बे हाई कोर्ट को भी इसी तरह का मेल मिला. मुंबई पुलिस ने भी तुरंत कार्रवाई करते हुए परिसर खाली कराया और तलाशी अभियान चलाया. वहां भी धमकी झूठी साबित हुई. घटनाओं के बाद सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने दिल्ली और महाराष्ट्र सरकारों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. दोनों राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को भी नोटिस जारी किया गया है.
बम की धमकियों का दौर
दिल्ली और मुंबई दोनों हाई कोर्ट परिसरों की सुरक्षा और सख्त कर दी गई है. अब हर एंट्री पॉइंट पर अतिरिक्त चेकिंग हो रही है और सीसीटीवी की संख्या भी बढ़ा दी गई है. पिछले कुछ महीनों में देशभर में फर्जी बम धमकी वाले ईमेल की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. मई में दिल्ली के कई स्कूलों को मिली धमकी पर हाई कोर्ट पहले ही सरकार को कड़ी फटकार लगा चुका है. हाल ही में मुंबई के नायर अस्पताल को मिली धमकी भी निराधार साबित हुई थी.