भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के चचेरे भाई ने मांग की है कि उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए. देहरादून में रहने वाले अमरजीत सिंह ने का कहना है कि ऐसा आदमी अरबों में से एक होता है, जोकि देश के प्रति समर्पित होता है. उनको कोई लालच नहीं था. उनके पास अपना कुछ भी नहीं है. न बैंक बैलेंस और न कोई प्रॉपर्टी. सिंपल लिविंग और उनकी सोच ऊंची थी.
आजतक से बात करते हुए अमरजीत सिंह ने कहा कि वो मुझसे उम्र में आठ साल बड़े थे, लेकिन सगे भाई की तरह थे. जब भी वो देहरादून आते थे तो इसी घर में आते थे. वह बताते हैं कि जब वो प्रधानमंत्री थे और देहरादून आते थे तो उनको अपनी ही गाड़ी में लेकर आ जाते थे. डॉ. सिंह कहते थे कि सिक्योरिटी में बहुत खर्च होता है, हालांकि सिक्योरिटी वाले पीछे-पीछे आते रहते थे, लेकिन हम ही छोड़ आते थे और ले आते थे. मैं अब दिल्ली निकलने वाला हूं और उनके अंतिम संस्कार में शामिल होऊंगा.
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इधर कोलकाता में डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनकी बहन गोविंद कौर के घर में गमगीन माहौल है. गोविंद कौर ने जब से अपने बड़े भाई के निधन का समाचार सुना है तब से बहुत कम बातचीत कर रही हैं. आजतक से बात करते हुए डॉ. सिंह के भांजे गुरदीप सिंह और उनकी पत्नी कुलजीत कौर ने पूर्व PM से जुड़ी कई जानकारियां साझा कीं.
गुरदीप सिंह ने बताया कि उनकी मां गोविंद कौर का बहुत मन है कि वो अपने भाई मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में दिल्ली पहुंचें, लेकिन उनकी हेल्थ को देखते हुए डॉक्टर ने उन्हें ट्रेवल करने से मना किया है, जबकि खुद गुरदीप सिंह शाम को दिल्ली के लिए निकल रहे हैं. उनके मुताबिक जब भी मनमोहन सिंह कोलकाता आते थे तो अपनी बहन से जरूर मुलाकात करते थे, आखिरी बार पांच साल पहले मनमोहन सिंह यहां आए थे.

पूर्व PM के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होंगी बहन
डॉ. साहब के भांजे ने बताया कि उनकी बेटी से हम टच में हैं. उनकी छोटी बेटी अमेरिका से आ रही हैं. हालांकि उनकी बहन को हम लेकर नहीं जा रहे हैं, क्योंकि डॉक्टर ने उनकी हेल्थ को लेकर एडवाइज दी है कि उन्हें ट्रेवल न करने दिया जाए. कुछ दिन से वो बातचीत नहीं कर पा रहे थे. बीते तीन साल से डॉक्टर साहब ट्रेवल नहीं कर रहे थे. उनकी भी हेल्थ ठीक नहीं रहती थी. मेरी मां की भी तबीयत ठीक नहीं रहती थी. मैं जब 3-4 महीने पहले जब दिल्ली गया था तो उनकी वीडियो कॉल पर मां से बात कराई थी.
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डॉ. मनमोहन की नहीं, पॉलिसीज की आलोचना हुई: गुरदीप सिंह
डॉ. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री काल को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, "उनकी कभी आलोचना नहीं हुई, उनकी पॉलिसीज की आलोचना हुई थी. कोई भी प्रधानमंत्री बनेगा तो विपक्ष का जो काम होता है, वो करता रहेगा." हम सब जानते हैं कि वो क्लीन पर्सन और ईमानदार थे. उनका एकमात्र उद्देश्य था कि किस तरह देश को आगे बढ़ाना है. 1991 में उन्होंने किस तरह एक बदलाव किए, वो बहुत ही बोल्ड थे. वित्त मंत्री रहते हुए उन्हें पीएम नरसिंह राव का भी सपोर्ट था. उसका जो रिजल्ट था, देश को मिलता रहेगा."

कुलजीत कौर बोलीं- बहुत शर्मीले और भावुक थे
गुरदीप सिंह की पत्नी कुलजीत कौर ने आजतक से बात करते हुए कहा कि हम लोग फरवरी, 2024 में जाकर मिलकर आए थे, तब वो व्हील चेयर पर ही थे. बातचीत फोन पर होती ही रहती थी. 5-6 साल पहले वो कोलकाता आए थे तो घर पर आए थे. मेरी सास की उनसे और उनकी वाइफ से बातचीत होती रहती थी. उनकी बेटी अमेरिका में हैं, उनका इंतजार किया जा रहा है. वो आ जाएं फिर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. वह हमारे देश के बेहतरीन राजनेताओं में से एक थे. बहुत शर्मीले थे, वो बहुत भावुक थे.

डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया. उन्हें गुरुवार शाम बेहोश होने के बाद दिल्ली AIIMS में भर्ती कराया गया था, जहां रात 9.51 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार कल (28 दिसंबर) को किया जाएगा. पूर्व पीएम के निधन पर सरकार ने 7 दिन का राजकीय शोक घोषित किया है. उनके निधन के बाद कांग्रेस पार्टी ने आज अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं. बता दें कि डॉ. मनमोहन सिंह लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे थे. इससे पहले भी उन्हें कई बार स्वास्थ्य कारणों से अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका था.