साइबर ठगी की घटनाएं इन दिनों बढ़ती ही जा रही हैं. ठग आए दिन नई-नई तरकीबों का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी कर रहे हैं. लेकिन अब ठग सोशल मीडिया और बैंक खातों को किराए पर लेकर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. दरअसल, इन्फ्लूएंसर इकोनॉमी के बढ़ने से सोशल मीडिया को एक पैसे कमाने के उपकरण के रूप में देखा जाने लगा है. धोखेबाज, इसी का फायदा उठाते हैं और और अब सोशल मीडिया यूजर्स को को मार्केटिंग का झांसा देकर जल्दी और ज्यादा पैसे देने का वादा कर रहे हैं. अगर यूजर्स इस झांसे में फंस जाते हैं, तो वे अपने अकाउंट का नियंत्रण खो सकते हैं और यहां तक कि कानूनी समस्याओं में भी पड़ सकते हैं.
सोशल मीडिया और बैंक खातों का किराए पर दिया जाना
कई देशों में सोशल मीडिया और बैंक खातों को किराए पर देने का एक वैध तरीका है. कुछ कंपनियां इस पर आधारित व्यवसाय चला रही हैं, जिनका दावा है कि यूजर्स प्रोफाइल को किराए पर लेकर और सकारात्मक संदेश पोस्ट करके ब्रांड की पहुंच बढ़ाई जा सकती है. लेकिन इसका दूसरा पक्ष खतरनाक भी है. साइबर अपराधियों ने इस व्यवसाय मॉडल पर आधारित धोखाधड़ी की एक स्कीम बना ली है, जहां वे सोशल मीडिया यूजर्स से उनके लिंक्डइन या यहां तक कि बैंक खातों को किराए पर देने के लिए पैसा लेते हैं. इंडिया टुडे ने देखा है कि साइबर धोखाधड़ी में यूपीआई खातों का उपयोग बढ़ा है. धोखेबाज इन बैंक खातों का उपयोग धोखाधड़ी के पैसे ट्रांसफर करने के लिए करते हैं, जिससे उनके लिए एक परत की गोपनीयता मिलती है और प्रशासन के लिए धोखेबाजों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है.
सोशल मीडिया खातों के जरिए धोखाधड़ी
सोशल मीडिया हासिल करने के बाद धोखेबाज इन खातों का उपयोग जालसाजी, धोखाधड़ी और गलत जानकारी फैलाने के लिए करते हैं.
धोखाधड़ी का रास्ता
हमने फेसबुक पर एक पोस्ट देखी, जिसमें एक खाता प्रति माह $30-$100 (लगभग 2500-8400 रुपये) देने का वादा किया गया था, यह इस आधार पर था कि खाता कितने यूजर्स से जुड़ा है. जांच में सामने आया कि टेलीग्राम पर एक धोखेबाज ने खुद को एक अमेरिकी ऊर्जा कंपनी का प्रतिनिधि बताया और लिंक्डइन खाता का यूजरनेम और पासवर्ड साझा करने के बदले 5 USDT (एक क्रिप्टोकरेंसी) या 400 रुपये से अधिक देने की पेशकश की. लेकिन जैसे ही धोखेबाज ने लॉगिन किया, उन्होंने टेलीग्राम पर बातचीत को डिलीट कर दिया.

एक अन्य संदिग्ध धोखेबाज ने खुद को लंदन स्थित एक मेडिकल टेक कंपनी का कर्मचारी बताया और हमें लिंक्डइन यूजर्स को किराए पर लेने के लिए एक मध्यस्थ के रूप में भर्ती करने की कोशिश की.
हमारी आगे की जांच में यह सामने आया कि कई पोस्टों में भारतीय बैंक खातों को किराए पर देने के लिए भुगतान करने की पेशकश की जा रही थी. कई टेलीग्राम ग्रुप्स इन खातों को खरीदने और किराए पर देने के लिए सुविधाएं प्रदान कर रहे थे, और प्रति दिन 2.5 लाख रुपये तक कमीशन देने का वादा कर रहे थे.

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सोशल मीडिया खातों के किराए पर देने के खतरे
जो यूजर्स अपने सोशल मीडिया खाता क्रेडेंशियल्स साझा करते हैं, उन्हें न केवल अपने खातों तक पहुंच खोने का खतरा होता है, बल्कि धोखेबाज उन्हें अन्य सोशल मीडिया खातों और संबंधित ईमेल खातों के क्रेडेंशियल्स भी साझा करने के लिए मनाने में सफल हो सकते हैं. सबसे बुरी बात यह है कि अगर किराए पर लिया गया खाता किसी अवैध गतिविधि में उपयोग किया जाता है, तो कानून प्रवर्तन एजेंसियां असली खाताधारक को दोषी ठहरा सकती हैं क्योंकि खाता उनके असली ईमेल पते या फोन नंबर से पंजीकृत होता है.
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ का अलर्ट
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ मोहित कुमार कहते हैं कि कई बार सोशल मीडिया खाता मालिक जो अपने खाते में अपने ईमेल के माध्यम से लॉगिन करते हैं, वे अपने ईमेल खाते तक पहुंच खो सकते हैं, जिससे भविष्य में उन्हें विभिन्न प्रकार के वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.
कैसे पहचानें धोखाधड़ी
लॉगिन क्रेडेंशियल्स की मांग एक बड़ा चेतावनी संकेत है. मोहित कुमार ने कहा, 'कोई प्रतिष्ठित कंपनी आपके लिंक्डइन खाते तक पहुंच प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी. वे इसके बजाय सहयोग या समर्थन चाहते होंगे. जो सोशल मीडिया खाते इस तरह की पेशकश करते हैं, वे भी कुछ संकेत दे सकते हैं. उदाहरण के लिए, एक खाता संभवतः फर्जी हो सकता है यदि वह नया है, उसमें कम दोस्त या फॉलोअर्स हैं.'