देश के कई राज्यों में जहरीली कफ सिरप पीने से मासूम बच्चों की मौत के मामले ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इस बाबत वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की है, जिसमें यह सुनिश्चित करने के लिए कई कड़े कदम उठाने की मांग की गई है कि ऐसी त्रासदी दोबारा न हो.
वकील विशाल तिवारी ने अपनी याचिका में मांग की है कि मामले की गहन जांच राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या सीबीआई के जरिए विशेषज्ञों की समिति बनाकर कराई जाए. याचिका में मांग की गई है कि इस जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज करें.
बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार विषैले सिरप बनाने वाली कंपनियों के लाइसेंस तुरंत रद्द किए जाएं, उन्हें बंद किया जाए और उनके उत्पादों को बाजार से वापस मंगाने का इंतजाम किया जाए. साथ ही, देश में एक सख्त 'ड्रग रिकॉल पॉलिसी' बनाई जाए.
दवाओं में प्रयुक्त खतरनाक रसायन डाई इथीलीन ग्लाइकॉल और एथलीन ग्लाइकॉल की बिक्री और निगरानी के लिए सख्त नियम बनाए जाएं.
बच्चों की मौत के मामले में विभिन्न राज्यों में दर्ज सभी एफआईआर को एक जगह ट्रांसफर करके जांच कराई जाए, ताकि जांच में समन्वय बना रहे.
याचिका में कहा गया है कि यह मामला केवल कुछ कंपनियों की गलती का नहीं, बल्कि देश की ड्रग रेगुलेटरी सिस्टम की विफलता का है, जिसकी वजह से कई राज्यों में मासूमों की जान गई है.