विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 की धारा 43 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट FCRA की धारा 43 को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले की अपील पर सुनवाई करने को हुआ तैयार। इसमें केंद्र सरकार को विदेशी योगदान के मामलों की जांच के लिए CBI जैसी किसी भी एजेंसी को नियुक्त करने का अधिकार है।
सुप्रीम कोर्ट विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 (FCRA) की धारा 43 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है, जो केंद्र सरकार को विदेशी योगदान के मामलों की जांच के लिए सीबीआई जैसी किसी भी एजेंसी को नियुक्त करने की अनुमति देता है. अब सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि क्या CBI विदेशी योगदान के बारे में अपराधों की जांच कर सकती है?
जस्टिस एमएम सुंदेश की अध्यक्षता वाली बेंच मैसर्स एडवांटेज इंडिया की उस अपील पर सुनवाई करेगा. जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट ने FCRA की धारा 43 के साथ विदेशी अंशदान (विनियमन) नियम, 2011 FCRR का प्रावधान 22 को बरकरार रखते हुए कहा था कि CBI को विदेशी योगदान के मामलों में जांच करने का अधिकार है जो कि केंद्र सरकार का फैसला था. दरअसल एडवांटेज इंडिया पर रुपये के विदेशी योगदान प्राप्त कर सामाजिक और शैक्षिक गतिविधियों को शुरू करने की आड़ में अपने पदाधिकारियों के व्यक्तिगत उपयोग के लिए 90 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाया गया था. अधिकारियों ने इसकी जांच की थी.
बाद में गृह मंत्रालय के विदेशी प्रभाग की निगरानी इकाई ने इस मामले की जांच CBI से कराने के निर्देश दिए और FIR दर्ज की गई. इसके बाद कंपनी ने FCRA की धारा 43 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देकर केंद्र सरकार के द्वारा CBI जांच के आदेश और FIR को दिल्ली हाई कोर्ट मे चुनौती दी थी.