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पाकिस्तान से युद्ध में हीरो रहे कर्नल धर्मवीर का निधन, बॉर्डर फिल्म में अक्षय खन्ना ने निभाई थी इनकी भूमिका

1971 के युद्ध में कर्नल धर्मवीर युवा अफसर थे. उन्हें पाकिस्तान के साथ लोंगेवाला युद्ध के दौरान उनकी सतर्कता के लिए हमेशा याद रखा जाएगा. 4 दिसंबर को बॉर्डर पेट्रोलिंग के वक्त उन्हें भारत आते हुए पाकिस्तान के टैंकों की आवाज सुनाई दी. उस वक्त वे कैप्टन थे. इसकी जानकारी उन्होंने सीनियर अफसरों को दी और अतिरिक्त सेना की तैनाती की मांग की.

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कर्नल धमवीर का सोमवार को गुरुग्राम में निधन हो गया
कर्नल धमवीर का सोमवार को गुरुग्राम में निधन हो गया
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कर्नल धर्मवीर ने 1971 में पाकिस्तान से युद्ध में निभाई थी अहम भूमिका
  • उन्होंने पाकिस्तानी टैंकों के मूवमेंट की दी थी जानकारी

1971 में पाकिस्तान के साथ लोंगेवाला युद्ध के हीरो रहे कर्नल धर्मवीर का सोमवार को गुरुग्राम में निधन हो गया. वे 1992 से 1994 तक 23 पंजाब में कमांडेड रहे. इतना ही नहीं 1977 में आई बॉर्डर फिल्म में अक्षय खन्ना ने कर्नल धर्मवीर की भूमिका निभाई थी. 

1971 के युद्ध में कर्नल धर्मवीर युवा अफसर थे. उन्हें पाकिस्तान के साथ लोंगेवाला युद्ध के दौरान उनकी सतर्कता के लिए हमेशा याद रखा जाएगा. 4 दिसंबर को बॉर्डर पेट्रोलिंग के वक्त उन्हें भारत आते हुए पाकिस्तान के टैंकों की आवाज सुनाई दी. उस वक्त वे कैप्टन थे. इसकी जानकारी उन्होंने सीनियर अफसरों को दी और अतिरिक्त सेना की तैनाती की मांग की. 

अहम जानकारी मिलने के बाद भारतीय सेना और एयरफोर्स ने जरूरी कदम उठाए. हालांकि, अफसरों ने उनसे कहा कि वे और उनकी टुकड़ी जितना हो सके, पाकिस्तानी सेना को बॉर्डर पर उलझाए रखे, क्योंकि उस रात अतिरिक्त सेना नहीं आ सकती. इसके बाद उन्होंने बॉर्डर पर रहकर पाकिस्तान की सेना को जवाब देने का फैसला किया. 

एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि बॉर्डर पोस्ट पर उस वक्त सिर्फ 20-22 जवान थे और उन्होंने पूरी रात पाकिस्तान की सेना को बॉर्डर पर उलझाए रखा. सुबह के वक्त भारतीय एयरफोर्स उनकी मदद के लिए पहुंची. 

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अगले दिन दोपहर में हमला पूरी तरह से रुका. इस दौरान पाकिस्तान के 12 टैंक हवाई हमले में, 12 टैंक एंटी टैंक मिसाइल के हमले में तबाह हो गए थे. इसके अलावा भारत ने कुछ टैंकों पर कब्जा कर लिया था. इस दौरान पाकिस्तान के कुल 100 वाहनों को नुकसान पहुंचा था. इसके बाद जब भारतीय टैंक डिवीजन की रेजिमेंट आगे आई तो पाकिस्तान की सेना को मजबूरन पीछे हटना पड़ा. 

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