
जनरल अनिल चौहान, भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) ने रविवार को उन शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने सीमा की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवा दी. साथ ही सीडीएस चौहान ने ऑरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तानी आतंकी ठिकानों को तबाह करने के लिए जवानों की सराहना की.
सीडीएस चौहान ने भारतीय सेना की उत्तरी कमान (उधमपुर, जम्मू-कश्मीर) और पश्चिमी कमान (चंडीमंदिर मिलिट्री स्टेशन, हरियाणा) का दौरा किया. सीडीएस का यह दौरान हाल में भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर की समीक्षा और मूल्यांकन को लेकर था.
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने 6 से 7 मई की रात को पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया. जिसके जवाब में पाक ने अगले दो दिन भारत के कई रिहायशी इलाकों पर हमला किया. साथ ही उधमपुर, डोडा, बारामूला, फिरोजपुर, पठानकोट, अमृतसर में भारत के सैन्य ठिकानों को निशाने बनाने की कोशिश की. फिर भारत ने पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को तबाह कर दिया.
सीडीएस चौहान ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में समय पर और सटीकता से ऑपरेशनल कार्यों की सफलता को सराहा.
चंडीमंदिर में पश्चिमी सीमा की समीक्षा
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने सीडीएस चौहान को ऑपरेशन सिंदूर में ‘काइनेटिक और नॉन-काइनेटिक’ जवाबी कार्रवाई के बारे में जानकारी साझा की.

पश्चिमी सेना द्वारा सुरक्षाबलों की वीरता, डिसिप्लिन और तीव्र प्रतिक्रिया को रेखांकित किया गया.
CDS का संदेश: सतर्कता, तालमेल और मानवीय दृष्टिकोण जरूरी
सीडीएस चौहान ने तीनों सेनाओं के समन्वय और संयुक्तता बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि लोगों के पुनर्वास में सेना को सक्रिय रूप से भूमिका निभानी चाहिए.
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उधमपुर में CDS की समीक्षा
उत्तरी कमान ने सीडीएस चौहान को बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी नेटवर्क और उसके सहयोगियों के सफलतापूर्वक निष्क्रिय किया गया. साथ ही नागरिकों के पुनर्वास और सुरक्षा को लेकर विस्तार से जानकारी दी गई.

सैन्य कमानों के दौरे के दौरान जनरल चौहान के साथ सेना कमांडरों लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार, वरिष्ठ स्टाफ अधिकारियों से बातचीत की, जो ऑपरेशन सिंदूर की योजना बनाने और उसे पूरा करने में सक्रिय रूप से शामिल थे.