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320 KM का काम पूरा, समुद्र में टनल का निर्माण शुरू... रेल मंत्री ने बताई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की प्रगति

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि 300 किलोमीटर का निर्माण भी बड़ी उपलब्धि है. समुद्र के भीतर टनल बनाया जाना है जिसका निर्माण चल रहा है.

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बुलेट ट्रेन (प्रतीकात्मक तस्वीर)
बुलेट ट्रेन (प्रतीकात्मक तस्वीर)

संसद में शुक्रवार को बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का मुद्दा उठा. राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर सवाल का जवाब देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दुनिया के करीब-करीब हर बड़े देश ने बुलेट ट्रेन जैसी हाईस्पीड ट्रेन की व्यवस्था की है. ये बहुत कॉम्प्लेक्स टेक्नोलॉजी है. इसमें वाइब्रेशन समेत तमाम चीजों का ध्यान रखना होता है. उन्होंने कहा कि जापान से सहयोग के साथ ये काम चालू हुआ है. इस प्रोजेक्ट के साथ काम करने के तरीके और टेक्नोलॉजी में भी बहुत इंप्रूव हुआ है.

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ब्रिज को कैसे भूकंप रोधी बनाया जाए, भारी गार्डर को कैसे लगाया जाए, ये हमने सीखा है. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को हमें केवल ट्रांसपोर्टेशन प्रोजेक्ट के तौर पर नहीं लेना चाहिए. ये चार-पांच शहरों की अर्थव्यवस्था को एक कर देती है. रेल मंत्री ने कहा कि सौ-डेढ़ सौ किलोमीटर की यात्रा 15-20 मिनट में होती है. एक व्यक्ति एक शहर में रहता है, दूसरे शहर में काम करके शाम तक घर वापस आ सकता है.

उन्होंने कहा कि बहुत तेजी से काम चल रहा है. आठ नदियों पर ब्रिज एडवांस स्टेज में है. समुद्र के नीचे की टनल पर काम चल रहा है. रेल मंत्री ने कहा कि दुनिया में भी इस बात की चर्चा हो रही है कि भारत में बहुत तेजी से काम चल रहा है.

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बुलेट ट्रेन में होंगी कितनी श्रेणियां

बुलेट ट्रेन का किराया और श्रेणियों को लेकर सवाल के जवाब में रेल मंत्री ने कहा कि ई श्रीधरन ने ये व्यवस्था की थी कि मेट्रो में क्लास की कोई व्यवस्था नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि बुलेट ट्रेन में भी केवल दो श्रेणियां रहेंगी. एक चेयर कार की और एक एग्जीक्यूटिव क्लास की. रेल मंत्री ने कहा कि वंदे भारत में भी यही विचार था.

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की डेडलाइन पर क्या बोले मंत्री

बुलेट ट्रेन परियोजना की डेडलाइन को लेकर टीएमसी सांसद नदीमुल हक ने सवाल किया. इस पर रेल मंत्री ने कहा कि देश की परिस्थितियों के हिसाब से उसका डिजाइन करना होता है. कई देशों को 20 साल लगे हैं इसे पूरा करने में. 300 किलोमीटर एलिवेटेड कॉरिडोर बन पाना भी अच्छी उपलब्धि है, रिकॉर्ड है. राजीव शुक्ला ने कहा कि 2014 में घोषित परियोजना तीसरे कार्यकाल तक पेंडिंग है तो दिक्कते हैं इसमें. अहमदाबाद-मुंबई रूट जब मुश्किल था तो दूसरे रूट को क्यों नहीं लिया गया. इस पर रेल मंत्री ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में डिजाइन में सावधानियां बरतनी पड़ती हैं और कोई समस्या नहीं है. काम तेजी से चल रहा है.

क्या पिछड़े राज्यों तक भी चलेगी बुलेट ट्रेन

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झारखंड के सांसद सरफराज अहमद ने कहा कि पिछड़े राज्यों में भी बुलेट ट्रेन का प्लान है. इस पर अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस कॉम्प्लेक्स टेक्नोलॉजी को समझकर आत्मसात करने पर फोकस है अभी. बड़ी गॉर्डर उठाकर रखने वाली क्रेन भी दो बाहर से आई, बाद में भारत में ही बनने लगी, बोल्ट भी पहले बाहर आई और अब भारत में बनने लगी. अभी पूरा फोकस टेक्नोलॉजी को समझने पर है. बबुत सारे एलिवेटेड कॉरिडोर्स बनाने ही पड़ेंगे. ये अपना पहला प्रयोग है जिसमें अच्छा सीखने को मिला है. भविष्य में ऐसा निर्णय लेना होगा.

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