रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु द्वारा IPL का खिताब जीतने के बाद बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में 4 जून को स्वागत समारोह के दौरान भगदड़ मची थी, इसमें 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 47 लोग घायल हो गए थे. इस मामले में नई जानकारी सामने आई है. इस प्रोग्राम की योजना कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने बनाई थी, इसके लिए गवर्नर थावर चंद गहलोत को भी आमंत्रित किया गया था. राजभवन के इस खुलासे ने कर्नाटक सरकार पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
जानकारी के मुताबिक राज्यपाल ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु टीम के खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए उन्हें राजभवन आमंत्रित करने की योजना बनाई थी, इस सिलसिले में राजभवन ने राज्य के मुख्य सचिव से संपर्क किया था. हालांकि, राज्य सरकार ने बताया कि खिलाड़ियों को सम्मानित करने का कार्यक्रम विधान सौधा में ही आयोजित किया जा रहा है. इसके बाद मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को आधिकारिक तौर पर आमंत्रित किया और उनसे आग्रह किया कि वे विधान सौधा में आयोजित इस कार्यक्रम में भाग लें.
जांच में ये भी सामने आया है कि 4 जून को DCP द्वारा कर्नाटक सरकार को लिखित चिट्ठी में ये बताया गया था कि आरसीबी की लोकप्रियता को देखते हुए लाखों की भीड़ एकत्रित हो सकती है, जबकि सुरक्षा स्टाफ की भारी कमी है. बड़े स्तर पर प्रशंसकों की भीड़ से अप्रिय घटनाएं हो सकती है. DCP ने चिट्ठी में सार्वजनिक प्रवेश पास को रद्द करने की सिफारिश की गई थी. साथ में यह भी बताया गया था कि विधान सौधा परिसर में CCTV निगरानी अधूरी है, जिससे सुरक्षा व्यवस्था बिगड़ सकती है. चिट्ठी में मंच का दो घंटे पहले PWD द्वारा निरीक्षण और फिटनेस सर्टिफिकेट अनिवार्य बताया गया था. बिजली उपकरणों के लिए भी अलग फिटनेस सर्टिफिकेट की बात कही गई थी.
DCP ने चिट्ठी में ट्रैफिक और कानून व्यवस्था की कॉर्डिनेशन की कमी की ओर ध्यान दिलाया गया था. इतना ही नहीं अन्य जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाने की आवश्यकता जताई गई थी. DCP की चिट्ठी के बावजूद सरकार की ओर से अनदेखी की गई और कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. परिणामस्वरूप बेंगलुरु में बड़ा हादसा हुआ और 11 लोगों की जान चली गई.