असम सरकार ने राज्य के 'अशांत क्षेत्र' वाले आठ जिलों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) को एक अप्रैल से छह महीने के लिए बढ़ा दिया है. असम के गृह और राजनीतिक विभाग ने बुधवार को इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया.
असम सरकार ने जिन जिलों में AFSPA बढ़ाया है उनमें तिनसुकिया, डिब्रूगढ़,चराइदेव, शिवसागर, जोरहाट, गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग और दीमा हसाओ शामिल हैं. अब इन जिलों में अगले छह महीने तक AFSPA लगा रहेगा. हालांकि राज्य में कानून व्यवस्था और सुरक्षा की समीक्षा के बाद एक अप्रैल से कछार जिले के लखीपुर उप-मंडल से 'अशांत क्षेत्र' का टैग हटा दिया जाएगा.
साल 1990 में लागू हुआ था AFSPA
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहले एक अप्रैल, 2022 से नौ जिलों और कछार जिले के एक उप-मंडल को छोड़कर पूरे असम राज्य से AFSPA हटाने की घोषणा की थी. राज्य को 27-28 नवंबर, 1990 की मध्यरात्रि के दौरान AFSPA के तहत 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया गया था और तब से इसे हर छह महीने में बढ़ाया जाता रहा है. पिछली बार असम के इन जिलों में AFSPA को अक्टूबर, 2022 को छह महीने के लिए बढ़ाया गया था, जबकि पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले से वापस ले लिया गया था.
क्या होता है AFSPA?
AFSPA को अशांत इलाकों में लागू किया जाता है. ऐसे इलाकों में सुरक्षाबलों के पास बिना वारंट के किसी को भी गिरफ्तार करने की ताकत होती है और कई मामलों में बल प्रयोग भी किया जा सकता है. पूर्वोत्तर में सुरक्षाबलों की मदद करने के लिए 11 सितंबर 1958 को इस कानून को पास किया गया था. 1989 में जब जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद बढ़ा तो यहां भी 1990 में अफस्पा लागू कर दिया गया. अब ये अशांत क्षेत्र कौन होंगे, ये भी केंद्र सरकार ही तय करती है. अफस्पा केवल अशांत क्षेत्रों में ही लागू होता है.
अभी कहां लागू है AFSPA?
AFSPA को असम, मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नगालैंड, पंजाब, चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर समेत कई हिस्सों में लागू किया गया था. हालांकि, बाद में समय-समय पर कई इलाकों से इसे हटा भी दिया गया. फिलहाल ये कानून जम्मू-कश्मीर, नगालैंड, मणिपुर (राजधानी इम्फाल के 7 क्षेत्रों को छोड़कर), असम और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में लागू है. त्रिपुरा, मिजोरम और मेघालय से इसे हटा दिया गया है.