Assam floods: असम में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है. आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक असम में बाढ़ की वजह से अब तक 28 जिलों में लगभग 23 लाख की आबादी प्रभावित हुई है. लगातार बारिश की वजह से ज्यादातर नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है.
वहीं असम में इस साल बाढ़, भूस्खलन और तूफ़ान से कुल 78 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें सिर्फ बाढ़ की वजह से 66 लोगों की मृत्यु हुई है. विपक्ष के नेता राहुल गांधी सोमवार को असम दौरे पर पहुंचे है जहां उन्होंने कछार जिले के फुलर्टल में बाढ़ राहत शिविर का दौरा किया.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि बाढ़ प्रभावित जिलों में सभी राहत शिविरों को अच्छी तरह से बनाकर रखा गया है और स्थिति सामान्य होने तक पर्याप्त आवश्यक वस्तुओं का भंडार बनाया गया है.
बाढ़ से 23 लाख लोग प्रभावित
सीएम ने कहा, 'बाढ़ राहत शिविरों की सुरक्षा और स्वच्छता सरकार की प्राथमिकता है और मेरी टीम रियल टाइम मॉनिटरिंग के जरिए वहां रहने वाले सभी लोगों तक पहुंच रही है.' राज्य के 28 जिलों के 3,446 गांवों में लगभग 23 लाख लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जबकि बाढ़ की दूसरी लहर से 68,432.75 हेक्टेयर फसल भूमि जलमग्न हो गई है.
धुबरी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित
असम में बाढ़ से सबसे ज्यादा धुबरी जिला प्रभावित हुआ है. यहां 7,54,791 लोग इससे प्रभावित हुए है. इसके बाद कछार में 1,77,928 लोग और बारपेटा में 1,34,328 लोगों को बाढ़ की वजह से अपना घरबार छोड़ना पड़ा है.
कुल मिलाकर 53,689 लोगों ने 269 राहत शिविरों में शरण ली है, जबकि 3,15,520 गैर-राहत शिविर में रह रहे लोगों को राहत सामग्री प्रदान की गई है. ब्रह्मपुत्र निमातीघाट, तेजपुर और धुबरी में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
खोवांग में बुरही दिहिंग, शिवसागर में दिखौ, नंगलामुराघाट में दिसांग, नुमालीगढ़ में धनसिरी, धरमतुल में कोपिली, बारपेटा में बेकी, गोलकगंज में संकोश, बीपी घाट में बराक और करीमगंज में कुशियारा जैसी नदियां उफान पर हैं. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन सहित कई एजेंसियां राज्य के अलग-अलग हिस्सों में 171 नौकाओं के जरिए राहत कार्य में जुटी हुई है.
24 घंटे में बचाई गई 70 लोगों की जान
अलग-अलग एजेंसियों ने बीते 24 घंटों में कुल 70 लोगों और 459 मवेशियों को बचाया है. राज्य भर से सड़कों, पुलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और मत्स्य पालन तालाबों के क्षतिग्रस्त होने की खबरें भी सामने आ रही हैं.