प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दिल्ली के भारत मंडपम में ‘अष्टलक्ष्मी महोत्सव’ का उद्घाटन करेंगे. यह महोत्सव आठ पूर्वोत्तर राज्यों की सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक विविधता दर्शाता है.इस दौरान पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक झलक दिखाई जाएगी, जिसमें पारंपरिक कला, शिल्प और सांस्कृतिक प्रथाओं की एक सीरीज को साथ पेश किया जाएगा.
इस कार्यक्रम में पारंपरिक हस्तशिल्प, हथकरघा, कृषि उत्पादों और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. यह कार्यक्रम उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है, जिसका प्रबंधन सीपीएसई उत्तर पूर्व हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम लिमिटेड (एनईएचएचडीसी) के माध्यम से किया जा रहा है.
आठ पूर्वोत्तर को कहा जाता है “अष्टलक्ष्मी”
आठ पूर्वोत्तर राज्य- असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और सिक्किम, ऐसे राज्य हैं जिन्हें “अष्टलक्ष्मी” या समृद्धि के आठ रूप कहा जाता है. यानि इसका कनेक्शन सेवन सिस्टर (अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा) से भी है. ये भारत के सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक ताने-बाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. अष्टलक्ष्मी महोत्सव क्षेत्र की प्रगति को प्रदर्शित करने, इसकी सांस्कृतिक संपदा का जश्न मनाने और भविष्य के विकास के लिए नए निवेश को आमंत्रित करने के लिए आयोजित होने वाला एक अहम कार्यक्रम है.
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उद्देश्य और महत्व
देश के पहले अष्टलक्ष्मी महोत्सव का उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत के बहुआयामी कपड़ा क्षेत्र, पर्यटन के अवसरों, पारंपरिक शिल्प कौशल और विशिष्ट भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग वाले उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक गतिशील मंच प्रदान करना है. यह भारत के भविष्य के विकास के रणनीतिक महत्व पर ध्यान केंद्रित करते हुए क्षेत्र की सांस्कृतिक संपदा के उत्सव के रूप में काम करेगा. इस महोत्सव की परिकल्पना एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में की गई है जो पूर्वोत्तर भारत की विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि का सम्मान करना जारी रखेगा, जिससे इस क्षेत्र को और अधिक आर्थिक उन्नति की ओर अग्रसर किया जा सकेगा.
महोत्सव में पूर्वोत्तर भारत के बुनियादी ढांचे के विकास के महत्व और इसके क्रांतिकारी प्रभाव पर भी जोर दिया जाएगा. इस क्षेत्र की बेहतर कनेक्टिविटी, औद्योगिक विकास और परिवहन, ऊर्जा और डिजिटल बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में चल रहे विकास से भारत की विकास कहानी में इसकी रणनीतिक भूमिका बढ़ेगी और व्यापार और व्यवसाय के लिए नए अवसर खुलेंगे.
महोत्सव की शुभंकर : पूर्वी
इस कार्यक्रम में अष्टलक्ष्मी महोत्सव की शुभंकर पूर्वी को पेश किया गया. पूर्वी, एक छोटी लड़की है जो पूर्वोत्तर भारत के सभी आठ राज्यों का प्रतिनिधित्व करती है. एकता और विविधता की प्रतीक, पूर्वी इस कार्यक्रम के बाद भी क्षेत्र की विरासत, संस्कृति और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती रहेगी.

महोत्सव में आयोजित होने वाले कार्यक्रम
सांस्कृतिक प्रदर्शन: यह महोत्सव पारंपरिक नृत्यों, मंत्रमुग्ध कर देने वाले प्रदर्शनों और क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रदर्शन के माध्यम से एक आकर्षकसमारोह बनने जा रहा है.