अशोका यूनिवर्सिटी के राजनीतिक विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को ऑपरेशन सिंदूर पर किए गए एक सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. ऑपरेशन सिंदूर भारत की सेना की पाकिस्तान में की गई कार्रवाई थी, जो पहलगाम हमले के बाद शुरू हुई थी.
हरियाणा पुलिस ने प्रोफेसर महमूदाबाद को सात दिन की पुलिस रिमांड देने की मांग की थी, ताकि उनसे पूछताछ की जा सके. हालांकि, सोनीपत की अदालत ने पुलिस की मांग को पूरा नहीं किया और उन्हें सीधे 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया. प्रोफेसर ने अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जहां बुधवार को इस मामले पर सुनवाई होने की संभावना है.
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प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ने किया था पोस्ट
प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के पोस्ट को भारतीय सशस्त्र बलों के खिलाफ माना गया और खासतौर से महिला अधिकारियों कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के प्रति अपमानजनक बताया गया था. ये दोनों अधिकारी ऑपरेशन सिंदूर के मीडिया ब्रीफिंग के दौरान देश के सामने थीं, सैन्य कार्रवाई की जानकारी शेयर कर रही थीं.
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अपनी पोस्ट में प्रोफेसर खान ने क्या कहा था?
प्रोफेसर खान महमूदाबाद पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने सोशल मीडिया पर ऐसी बातें कीं जो सेना की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं और भारतीय महिला सैन्य अधिकारियों का अपमान करती हैं.
अपनी पोस्ट में महमूदाबाद ने सुझाव दिया था कि कर्नल कुरैशी की सराहना करने वाले "दक्षिणपंथी टिप्पणीकारों" को भीड़ द्वारा हत्या के शिकार लोगों और उन लोगों के लिए भी वकालत करनी चाहिए जिनके घरों को "मनमाने ढंग से" बुलडोजर से गिरा दिया गया. उनकी पोस्ट के एक अंश में लिखा है, "दो महिला सैनिकों द्वारा अपने निष्कर्षों को पेश करने का नजरिया महत्वपूर्ण है, लेकिन नजरिए को जमीनी हकीकत में बदलना चाहिए, नहीं तो यह सिर्फ पाखंड (हिपोक्रेसी) है."