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स्पाइसजेट कर्मचारियों पर हमला करने वाले आर्मी ऑफिसर पर कड़ा एक्शन, 5 साल के लिए उड़ान पर लगा बैन

श्रीनगर एयरपोर्ट पर जुलाई में हुए हिंसक विवाद के बाद DGCA ने सेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल रितेश कुमार सिंह पर 5 साल का उड़ान प्रतिबंध लगाया है. घटना उस समय हुई जब अधिकारी ने अतिरिक्त कैबिन बैगेज का चार्ज देने से इनकार कर दिया और स्पाइसजेट कर्मचारियों से मारपीट कर दी. इस हमले में कई कर्मचारी घायल हुए, जिनमें से एक की रीढ़ की हड्डी टूट गई और दूसरे को जबड़े पर गंभीर चोट लगी.

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स्पाइसजेट ने अपने कर्मचारियों के साथ हुई मारपीट को 'हत्या जैसा हमला' करार दिया है. (Photo: ITG)
स्पाइसजेट ने अपने कर्मचारियों के साथ हुई मारपीट को 'हत्या जैसा हमला' करार दिया है. (Photo: ITG)

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने सेना के एक अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल रितेश कुमार सिंह पर पांच साल का हवाई यात्रा प्रतिबंध लगा दिया है. पिछले महीने जुलाई में श्रीनगर एयरपोर्ट पर स्पाइसजेट कर्मचारियों के साथ हुए मारपीट के मामले में यह कार्रवाई की गई है.

यह घटना 26 जुलाई को हुई थी. अधिकारी, जो गुलमर्ग स्थित हाई एल्टीट्यूड वॉरफेयर स्कूल (HAWS) में तैनात हैं, अतिरिक्त कैबिन बैगेज के पैसे देने से इनकार कर रहे थे. इसी दौरान उनका झगड़ा कर्मचारियों से इतना बढ़ गया कि एयरलाइन ने इसे 'हत्या जैसा हिंसक हमला' बताया है. इस मामले में अधिकारी के खिलाफ पहले ही केस दर्ज हो चुका है. मारपीट में स्पाइसजेट के कई कर्मचारी घायल हुए थे.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, दिल्ली जाने वाली फ्लाइट में चेक-इन के दौरान अधिकारी के पास दो बैग थे जिनका वजन 16 किलो था, जबकि कैबिन बैगेज की तय सीमा केवल 7 किलो है. जब ग्राउंड स्टाफ ने अतिरिक्त वजन का चार्ज मांगा, तो वह भड़क गए और हिंसक हो गए. एक वीडियो में साफ दिख रहा है कि अधिकारी ने स्टील के साइनबोर्ड स्टैंड से कर्मचारियों पर हमला किया. 

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एयरलाइन के अनुसार, शुरुआती झगड़े के बाद अधिकारी बोर्डिंग की औपचारिकताएं पूरी किए बिना जबरदस्ती एरोब्रिज में घुस गए, जो सुरक्षा नियमों का सीधा उल्लंघन है. बाद में CISF अधिकारी उन्हें वापस गेट तक ले गए, लेकिन हालात और बिगड़ गए जब उन्होंने चार कर्मचारियों पर हमला कर दिया.

बुरी तरह घायल हुए कर्मचारी
 
स्पाइसजेट ने बताया कि इस हमले में एक कर्मचारी की रीढ़ की हड्डी (स्पाइन) टूट गई और दूसरे को जबड़े पर गंभीर चोट लगी. रिपोर्ट में कहा गया कि एक कर्मचारी बेहोश होकर गिर गया, लेकिन अधिकारी ने उस पर भी लात-घूसे बरसाए. वहीं, जब एक अन्य स्टाफ बेहोश सहयोगी की मदद करने पहुंचा, तो उसे भी जबड़े पर जोरदार लात मारी गई, जिससे उसके नाक और मुंह से खून निकलने लगा.

एयरलाइन ने इस पूरे मामले की जानकारी नागरिक उड्डयन मंत्रालय को दी थी और अब अधिकारी को नो-फ्लाई लिस्ट में डाल दिया गया है. भारतीय सेना ने भी इस घटना को स्वीकार किया है और कहा है कि वह अनुशासन बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और जांच में पूरी तरह सहयोग कर रही है.

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