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यही है वो बच्चा जो प्लेन के लैंडिंग गियर में छिपकर काबुल से दिल्ली पहुंचा! पहली तस्वीर आई सामने

13 साल के इस अफगानी बच्चे को रनवे पर देखकर दिल्ली एयरपोर्ट के अधिकारियों को विश्वास ही नहीं हुआ. उन्होंने तुरंत इसकी जानकारी CISF को दी. इसके बाद रनवे पर इस बच्चे की मौजूदगी का राज खुला.

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इस बच्चे ने 90 मिनट का सफर लैंडिंग गियर में किया. (Photo: ITG)
इस बच्चे ने 90 मिनट का सफर लैंडिंग गियर में किया. (Photo: ITG)

काबुल से काम एयरलाइंस के लैंडिंग गियर में छिपकर दिल्ली आने वाले अफगानी बच्चे की तस्वीर सामने आ गई है. तस्वीरों में 13 साल का ये बच्चा सहमा और डरा हुआ लग रहा है. इस बच्चे ने काबुल एयरपोर्ट पर सुरक्षा इंतजामों को चकमा देते हुए बगैर दस्तावेजों के अंदर आ गया. यही नहीं ये कई राउंड की सिक्योरिटी चेक को छंकाते हुए प्लेन तक पहुंचा और प्लेन के लैंडिंग गियर में छिप गया.

लैंडिंग गियर किसी विमान का वह हिस्सा होता है जो टेकऑफ, लैंडिंग और जमीन पर मूवमेंट के दौरान विमान को सहारा देता है. यह मुख्य रूप से पहियों, स्ट्रट्स, और हाइड्रॉलिक सिस्टम से बना होता है. लैंडिंग गियर विमान को रनवे पर सुरक्षित रूप से उतरने, टैक्सी करने और उड़ान भरने में मदद करता है. यह भारी वजन, हाई स्पीड और अलग-अलग मौसमों में काम करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है. 

कुछ विमानों में रिट्रैक्टेबल लैंडिंग गियर होता है जो उड़ान के दौरान बंद हो जाता है ताकि एयरोडायनामिक्स में सुधार हो. 

दिल्ली एयरपोर्ट के सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार जब काबुल से काम एयरलाइंस की उड़ान संख्या RQ 4401 दिल्ली आई तो रनवे पर एक बच्चे को देख सुरक्षा अधिकारियों के होश उड़ गए. 

सुरक्षा अधिकारियों ने इस बच्चे से पूछा कि वो कौन है और यहां क्या कर रहा है. इसके बाद ये बच्चा जो कहानी सुनाता है उसे सुनकर ग्राउंड स्टाफ को यकीन ही नहीं होता. इस बच्चे ने बताया कि वो इसी जहाज से काबुल से यहां पहुंचा है. लेकिन जहाज में बैठकर नहीं. बल्कि जहाज के लैंडिंग गियर में बैठकर. 

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ये जानकारी सुरक्षा अधिकारियों के लिए अविश्वसनीय था. अधिकारियों ने पैसेंजर में इस बच्चे का नाम चेक किया, इस बच्चे का नाम इस लिस्ट में था ही नहीं. उन्होंने तुरंत ही CISF को इसकी सूचना दी.  CISF की टीम फौरन मौके पर पहुंची और बच्चे को अपने पास ले गई.

चूंकि एक तो बच्चे की उम्र 13 साल थी. ऊपर से उसने जो कुछ बताया उसकी तस्दीक करने के बाद CISF और फिर IB यानी खूफिया ब्यूरो को यकीन हो गया कि ये बच्चा गलती से दिल्ली आने वाले प्लेन में बैठ गया था. इसे जाना ईरान था. इस बच्चे की कम उम्र, अफगान अथॉरिटी और कुंदुज मे उसके घरवालों से बात करने के बाद CISF और भारतीय एजेंसी ने ये तय किया कि इसके खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया जाएगा. इस के बाद उसे उसी काम एयरलाइंस से वापस काबुल भेज दिया गया. 

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