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लखनऊ एयरपोर्ट बनेगा UP का एविएशन हब, अडानी ग्रुप ने किया 10 हजार करोड़ निवेश का ऐलान

अडानी एयरपोर्ट्स ने लखनऊ हवाई अड्डे पर 10 हजार करोड़ रुपये के इन्वेस्टमेंट की योजना बनाई है. इस विस्तार का मकसद यात्री और कार्गो दोनों ऑपरेशन में तेजी लाना है. इसके साथ ही, कंपनी का टारगेट अगले पांच वर्षों में 50 हजार मीट्रिक टन की कार्गो क्षमता बनाना है.

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लखनऊ एयरपोर्ट पर पैसेंजर्स को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं (File Photo: ITG)
लखनऊ एयरपोर्ट पर पैसेंजर्स को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं (File Photo: ITG)

अडानी एयरपोर्ट्स ने लखनऊ के चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट (CCSIA) के विस्तार के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट करने की योजना बनाई है. यह निवेश बेहतर तरीके से किया जाएगा. यह जानकारी अडानी एयरपोर्ट्स के एक अधिकारी ने बिजनेस टुडे से बात करते हुए दी है. यह इन्वेस्टमेंट कैपेसिटी एक्सपेंशन, आधुनिकीकरण, टेक्नोलॉजी को अपनाने और कार्गो इंफ्रास्ट्रक्चर पर केंद्रित होगा.

एयरपोर्ट ने पहले ही एक नए टर्मिनल और ग्राउंडसाइट रोड बुनियादी ढांचे के लिए 2,401 करोड़ रुपये का पूंजीगत खर्च किया है. मौजूदा वक्त में इसकी पैसेंजर क्षमता हर साल 8 मिलियन यात्रियों की है. 

2026-27 तक, यह क्षमता बढ़कर 14 मिलियन हो जाएगी, क्योंकि एयरपोर्ट टर्मिनल 3, फेज 2 को पूरा कर लेगा. इस फेज में 900 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश किया जाएगा.

पैसेंजर एक्सपीरिएंस और नेटवर्क विस्तार...

एक अधिकारी ने बताया कि एयरपोर्ट का मकसद 'स्विंग ऑपरेशंस' के जरिए डोमेस्टिक और इंटरनेशनल ट्रैफिक को एक ही सुविधा से मैनेज करना है, जो ट्रैफिक के बढ़ने पर निर्भर करेगा. यह आधुनिकीकरण, प्रौद्योगिकी और कला-संस्कृति को बढ़ावा देगा, जिससे यात्रियों को एक बेहतर एक्सपीरिएंस मिलेगा. 

मौजूदा वक्त में एयरपोर्ट पर सात एयरोब्रिज पूरी तरह से चालू हैं और यह एक वक्त में 15 विमानों की पार्किंग कर सकता है. लखनऊ अब 31 डोमेस्टिक और 11 इंटरनेशनल रूट्स सहित 42 गैर-स्टॉप डेस्टिनेशन्स से जुड़ा हुआ है.

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कार्गो और भविष्य की योजनाएं...

अडानी एयरपोर्ट्स पैसेंजर और कार्गो दोनों ऑपरेशन में बड़े विस्तार की योजना बना रहा है. कंपनी ने अगले पांच वर्षों में 50 हजार मीट्रिक टन की कार्गो क्षमता बनाने का टारगेट रखा है. इसके अलावा, वियतनाम, सिंगापुर और अन्य जगहों के लिए नए इंटरनेशनल रूट्स भी जोड़े जाएंगे. मौजूदा वक्त में कुल यातायात में इंटरनेशनल पैसेंजर्स का योगदान करीब 19% है, जबकि लखनऊ उत्तर प्रदेश की जीडीपी में करीब 4% का योगदान देता है.

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(रिपोर्ट- चेतन भूटानी)
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