महाराष्ट्र के मुंबई में कथित तौर पर पुलिस बनकर एक व्यापारी से 10.5 लाख रुपये की नकदी लूटकर फरार हुए दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि इस अपराध में जीआरपी की एक महिला एएसआई को भी गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि यह घटना सोमवार को बांद्रा टर्मिनस पर हुई. अपराध में वहां तैनात महिला एएसआई की संलिप्तता सामने आने के बाद बांद्रा रेलवे पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर को भी निलंबित कर दिया गया है.
अंधेरी इलाके के रहने वाले ज़हीर अहमद नाम के एक व्यक्ति ने कपड़ा व्यवसायी विकास गुप्ता को इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के इंपोर्ट के कारोबार में उतरने के लिए राजी किया था. अधिकारी ने बताया कि अपने साथियों के साथ साज़िश रचने के बाद, अहमद ने सोमवार शाम को गुप्ता को बांद्रा टर्मिनस पर 10.5 लाख रुपये नकद के साथ बुलाया.
स्टेशन पर, दो व्यक्ति - 45 साल का नीलेश कलसुलकर और 32 साल का प्रवीण शुक्ला खुद को पुलिसकर्मी बताकर गुप्ता के पास पहुंचे और उनके पास मौजूद बैग के बारे में पूछताछ करने लगे. गुप्ता ने उन्हें बताया कि मुंबई के मलाड इलाके में उनकी कपड़े की दुकान है और वे कपड़े खरीदने गुजरात जा रहे हैं.
अधिकारी ने बताया कि दोनों नकली पुलिस वालों ने गुप्ता को धमकाना शुरू कर दिया, जिससे वह डर गए और फिर दोनों उनका बैग लेकर भाग गए. बाद में गुप्ता ने बांद्रा पुलिस स्टेशन जाकर दोनों जालसाजों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. अधिकारी ने बताया कि तकनीकी विश्लेषण और बांद्रा टर्मिनस इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद पुलिस ने मंगलवार को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने बताया कि जांच के दौरान, बांद्रा रेलवे पुलिस स्टेशन में तैनात एएसआई विजया इंगवाले की भूमिका सामने आई, जिसके बाद उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया.
पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत लोक सेवक के रूप में पेश आने, आपराधिक षड्यंत्र रचने और आपराधिक विश्वासघात का मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि सहायक उप-निरीक्षक की संलिप्तता सामने आने के बाद, रेलवे पुलिस आयुक्त ने बांद्रा रेलवे पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक को निलंबित कर दिया.