मुंबई के दादर कबूतरखाना में कबूतरों को दाना डालने पर लगी पाबंदी को लेकर जैन संत नीलेश मुनि गुरु महाराज विवादों में आ गए हैं. रविवार को उन्होंने कहा था कि अगर पाबंदी नहीं हटाई गई तो “हथियार उठाएंगे”, लेकिन सोमवार को उन्होंने सफाई देते हुए कहा- “हमारे लिए हथियार का मतलब केवल अनशन है.”
उन्होंने कहा, “भगवान शांतिनाथ ने कबूतर बचाने के लिए अपने प्राण त्याग दिए थे, हम भी वही कर सकते हैं. जैन के लिए सबसे बड़ा हथियार उपवास है.”
साथ ही उन्होंने जोड़ा कि वे 13 अगस्त से अनिश्चितकालीन उपवास शुरू करेंगे और देशभर के 10 लाख से ज्यादा जैन इसमें शामिल होंगे.
स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर उन्होंने कहा, "कुछ लोग बकरे की बलि देते हैं, वह उनका धर्म है. हम अपने धर्म का पालन करना चाहते हैं. लोग शराब और ड्रग्स से मर रहे हैं, किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता. हमारे जैन धर्म में कहा गया है कि हमें चींटी से लेकर हाथी तक की रक्षा करनी चाहिए."
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और संत का रुख
उनके बयान पर महाराष्ट्र के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने असहमति जताई, जबकि शिवसेना (उद्धव) की नेता किशोरी पेडनेकर ने इसे ‘अर्बन नक्सलवाद’ करार दिया.
नीलेश मुनि ने कहा, “मैं किसी राजनीतिक समर्थन के लिए नहीं आया हूं. अदालत है, और भगवान की अदालत उससे ऊपर है. अगर आदेश हमारे धर्म के खिलाफ होगा तो हम उसे नहीं मानेंगे.”
कबूतरखाना विवाद की पृष्ठभूमि
बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने स्वास्थ्य खतरों का हवाला देते हुए दादर कबूतरखाना को प्लास्टिक की चादरों से ढक दिया था. 6 अगस्त को प्रदर्शनकारियों ने इन चादरों को हटा दिया था और पुलिस से भी झड़प हुई थी. इसके बाद बीएमसी ने दोबारा कबूतरखाने को ढक दिया और सुरक्षा बढ़ा दी.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी बीएमसी के इस फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, यह कहते हुए कि "मानव जीवन सर्वोपरि है". हाईकोर्ट ने विशेषज्ञों की एक समिति बनाने की बात कही है जो इस पर अध्ययन कर सके.
संत का सवाल
नीलेश मुनि ने कहा, “कुछ लोग बकरा काटते हैं, वह उनका धर्म है. हम अपने धर्म का पालन करना चाहते हैं. शराब और ड्रग्स से लोग मर रहे हैं, उस पर किसी को आपत्ति नहीं, लेकिन हमारे मंदिर और परंपराओं पर चोट की जा रही है. जैन धर्म कहता है- चींटी से हाथी तक किसी जीव को भूखा मत मरने दो.”
अपने बयान पर विवाद बढ़ने के बाद नीलेश मुनि ने माफी मांगते हुए कहा, "अगर मेरे बयानों से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं."